Book Title: Sudansana Cariyam
Author(s): Saloni Joshi
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 8
________________ अनुक्रम ५४ ६४ ७४ ११५ પ્રકાશકીય પ્રસ્તાવના सुदंसणा चरियं दुल्लह-मणुयत्त-सामग्गी-कहा-संबधो नाम-पढमो उद्देशो सुदरिसणा-जम्मुप्पत्ति-वण्णणो नाम दुइओ उद्देसो पुव्व-भव-संभरणो नाम-तइओ उद्देसो धम्माधम्म-वियारो नाम-चउत्थो उद्देसो जयधम्मराय-धूय-सीलवई-संविहाणो नाम पंचमो उद्देसो नरवइ-सिरि-सिलामेहस्स जिणधम्म-बोहिलाह-वण्णणो नाम छठ्ठो उद्देसो सिंघलदीवाओ सुंदसणाए पवहणारोहण-वण्णणो नाम सत्तमो उद्देसो विजयकुमार-साहु-संविहाणो नाम अट्ठमो उद्देसो पुव्वभव-परिचिय-महा-मुणि-दसणो जिणभवणोवएस-वण्णणो नाम नवमो उद्देसो निमाविय-जिणभवण-वण्णणो नाम दसमो उद्देसो सुंदसणाए सुरलोय-गमण-वण्णणो नाम एगारसमो उद्देसो चंपयलया किन्नरी नियाणबंधो नाम बारसमो उद्देसो परिशिष्ट-१ (व्यक्तिनाम सूचि) परिशिष्ट-२ (भौगोलिक, स्थलनाम सूचि) परिशिष्ट-३ (वृक्ष-वनस्पति, पुष्प-औषधि) परिशिष्ट-४ (पशुपक्षी) परिशिष्ट-५ (वाद्य - सूचि) परिशिष्ट-६ (आयुद्यादि सूचि) परिशिष्ट-७ (8न पारिभाषित शही) परिशिष्ट-८ (महत्वपूर्ण होनो श) परिशिष्ट-९ (सुभाषित) સંશોધન-પ્રયુક્ત ગ્રંથ નિર્દેશિકા સૂચિ १२१ १२८ १४७ १५० १५२ १५४ १५६ १५७ ૧૫૮ ૧૬૪ १८४ ૧૮૬ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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