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सुरी ५ तक याने पर्युषणों के दोनो में सदाबंद माफीफ
____ नकल रुषकार हानाकी बतोर दासलाअान्यार्य पलती रहेगी. इसमें विशेष ये हुक्म दियाजाताहेके. जीआनंदसागर सूरीजी माहाराज वपंच माहाजने सैलाने की हद मे इन दिना बकरानही मारा जायेगा. सानेको देनेयास्ते दरपारऑफीस में भेनाजाये. २ हमारी सालगीरह कीतीथी अष्टमीहै. ईसलीये
ताए १५ नयंवर सन् १८२१ संमत् १८७८ हर महीने की दोनो अट्टमी के दीन याने सालभर में २४
सही ईग्रेजी में श्रीजी हजुर साहबबहादुरली. दीन ओकादसी व अमावस्या की पलती के माफी
अज महेक्मे झालीये दरबार सैलाना. तमाम ईलाके में पलती होतीरहे. ली.
नकल रुबकार हाजाकी जरीय नकल हकम हाना
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