Book Title: Stavan Manjari
Author(s): Amrutlal Mohanlal Sanghvi
Publisher: Sambhavnath Jain Pustakalay

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Page 67
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्री संभवनाथ चरित्र पूर्वजों के पवित्र जीवन चरित्र व पुण्य गाथायें पढने से हृत्पटल खूल जाते हैं, और सन्मति का प्रकाश होता है। फिर तीर्थकरो के चरित्र तो मोक्ष मार्गका प्रकाश करनेवाले होते है। अतः हमने बड़े प्रयत्न से सुन्दर चित्रों से सुशोभित श्रीसंभवनाथ चरित्र अनुठी तथा मनमोहक भाषामें तैयार कराया है, जिसे आप देखते ही आप मंत्र मुग्धवत् बिना समाप्त किये नहीं छोड़ेगे । अतः शीघ्र ही एक प्रति मंगाकर पढिये । बढिया बिलायति कागज सुन्दर ४ चित्र बढिया छपाई लगभग सौ पृष्ट इतना होने पर भी प्रचार के लिये मूल्य केवल आठ आना मात्र । सजील्दके बारे आने, आशा है कि एसा सुवर्ण अवसर हाथसे न जाने देगे। महासती सुरसुन्दरी जैन सिद्धान्त का सार-कर्मों का बन्धन और उनका उदय यदि आप समझना चाहते हैं तो इस रोमांचकारी घटना को एकबार अवश्य पढिये । आठ घण्टे में एक अरब तेतीस करोड़ सोनइयों की सम्पत्ति का विलायमान हो जाना, श्रीमन्तों का लकड़ी ढोना, सवा करोड़ की किमती लालों का हरा जाना, सेठ के पुत्रों का मजदूरी करना, स्त्री है या पुरूष इसकी परीक्षा अनेक प्रकार से कराया जाना, For Private And Personal Use Only

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