Book Title: Stavan Manjari
Author(s): Amrutlal Mohanlal Sanghvi
Publisher: Sambhavnath Jain Pustakalay

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Page 70
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir लिखी गई है । अर्थात् एक पंक्ति में एक पद हैं। जिससे कि पढ़ने वाले आसानी से पढ़ सकें । प्रचार के लिये पर भी मूल्य मात्र तीन आना है। सौ प्रतियों के आशा है कि आप यह सुवर्ण अवसर हाथ से न स्वास्थ्य का सच्चा मित्र 66 घर का डाक्टर इस किताब में प्रचलित तमाम रोगों की स्वदेशी दवाईयां इस खूबी से लिखी गई है कि गरीब पूंजीपती समानरूप से लाभ उठा सकते हैं। विशेषता यह है कि हजारों के खर्च से जो रोग न जावे वह कौडियों की दवाई से शीघ्र निर्मूल हो जाते हैं । जनहितार्थ ४८ पृष्ठ होने पर भी मूल्य मात्र दो आना । थोक बन्द मँगाने वालों को कमीशन भी दिया जावेगा । 35 ८० पृष्ठ होने पन्द्रह रुपए । जाने देगें । श्री जैन नित्य-स्मरण माला ( प्रथम भाग ) इस किताब में नित्य पाठ करने लायक दश छन्दों और स्तुति का संग्रह किया गया है, जैसे कि सिद्ध परमात्मा का पार्श्वनाथ स्वामी का, महावीर स्वामी का, और गौतम स्वामी का, सोलह सती का, शान्तिनाथजी का, संखेश्वर - पार्श्वनाथ का, नवकार का, इत्यादि महान् प्रभाविक छन्दों का समावेश है, नित्य पाठ करने से इस लोक और परलोक के सुखों की प्राप्ति होती है, ૬૭ For Private And Personal Use Only

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