Book Title: Stavan Manjari
Author(s): Amrutlal Mohanlal Sanghvi
Publisher: Sambhavnath Jain Pustakalay

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Page 71
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir यदि आप प्रभावना करें तो ऐसी किताबों की किया करें कि एक पन्थ दो काज वाला लाभ मिले । मूल्य मात्र एक आना, १०० पुस्तक के रुपये पांच, शीघ्र मंगाइये । " दृष्टांत रत्न संचय" (प्रथम भाग) इस किताब नीति, वैराग्य, बुद्धि और शिक्षा हँसी सदाचारादि अनेक विषय के ऐसे दृष्टांत संग्रह किये गये है कि उसके पढ़ने से लोग दुराचार और दुर्व्यसन से बचके सदाचारी बन जाते हैं, एक बार शुरू करने पर सम्पूण पढ़े विना न छोड़ेगें मूल्य मात्र एक आना | आशा है कि आप यह सुर्वण अवसर हाथ से न जाने देगें। अकलका तजरबा . यह एक बुद्धि के लिये समस्याओ है, पढनेवाले बच्चों को तो बहुत ही उपयोगी है चमत्कार पूर्व मूल्य एक आना. रत्नाकर पच्चीशी इसमें परमात्माके आगे बोलने की बहुत ही बड़ीया स्तुति है मूल्य एक आना। For Private And Personal Use Only

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