Book Title: Sramana 2012 10
Author(s): Shreeprakash Pandey
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi
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तत्त्व विद्या के त्रिआयामी.... : 47 सर्वार्थसिद्धि, पूज्यपादस्वामी, 5/2, 9. भगवती, 13/55 10. जैन सिद्धान्तदीपिका, 1/8 11. तत्त्वार्थसूत्र, 2/8 12. जीवोत्ति हवदि चेदा उपओग विसेसिद्दो पहूकत्ता। भोत्ता य देहमत्तो न हि मुत्तो ___कम्मसंजुत्तो। -पंचास्तिकाय, 1/27 13. अरसमरुवमगंधं अव्वत्तं चेदणगुणसमद्द। -समयसार, 1/49 14. द्रव्यसंग्रह, 1/2 15. अज्जीवो पुण णे ओ पुग्गलंधम्मो अधम्म आयासं। कालो पुग्गल मुत्तो रूवादिगुणो
अमुत्ति सेसा दु॥ -द्रव्यसंग्रह, 1/15 16. तत्त्वार्थसूत्र, 5/5 17. पूरणगलनान्वर्थ संज्ञत्वात् पुद्गलाः। -राजवार्तिक, 5/1/24 18. द्रव्यसंग्रह-टीका, 1/15, पृ. 39 19. स्पर्शरसगन्धवर्णवन्तः पुद्गलः। -तत्त्वार्थसूत्र, 5/23 20. शब्दबन्धसौक्ष्म्यस्थौल्यसंस्थानभेदतमश्छायाऽऽतपोघोतवन्तश्च। -तत्त्वार्थसूत्र, 5/24 21. सद्दो बन्धो सुहुमो थूलो संठाण भेद तम छाया, उज्जोदादवसहिया पुग्गलदव्वस्स
पज्जाया। -द्रव्यसंग्रह, 1/16 22. तत्त्वार्थसूत्र, 5/25 23. वही 24. शरीरवाङ्मनः प्राणापानाः पुद्गलानाम्। सुखदुःखजीवितमरणोपग्रहाश्च।
तत्त्वार्थसूत्र, 5/19-20 25. वही 26. एतानि सुखादीनि जीवस्य पुद्गलकृत उपकारः, मूर्तिमद्धेतुसंनिधाने सति तदुत्पत्तेः।
सर्वार्थसिद्धि, 5/20 27. गइलक्खणोउधम्मो। उत्तराध्ययन सूत्र, 28/7 28. धम्मत्थिकायमरसं अवण्णगंधं असद्दमप्फासां लोगागाढं पुटुं पिहुलमसंखादियपदेसं।
उदयं जहमच्छाणं गमणाणुग्गहयरं हवदि लोए। तह जीवपुग्गलाणं धम्मदव्वं
वियाणेहि। पंचास्तिकाय, 83, 85 29. द्रव्यसंग्रह, 1/17 30. पंचास्तिकाय, 86-जह हवदि..... 31. गतिस्थित्युपग्रहौ धर्माधर्मयोरूपकारः। तत्त्वार्थसूत्र, 4/17 32. ठाणजुदाण अधम्मो पुग्गल जीवाण ठाणसहयारी छाया जह पहियाणं गच्छंताणेव
सोधरई। द्रव्यसंग्रह, 1/18 33. जादो अलोगलेगो जेसिं सब्भावदो य गमणठिदी। दो वि य मया. विभत्ता अविभत्ता
लोयभेत्ता या। पंचास्तिकाय, 87

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