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साहित्य-सत्कार
पुस्तक समीक्षा 1. जैन आगमों में मध्यलोक लेखक एवं सम्पा.- श्री विमल कुमार नवलखा, जैन मुनि कन्हैयालाल 'कमल' स्मृति ट्रस्ट-आबू पर्वत (राज.), 2010, सजिल्द पृष्ठ सं. 204, मूल्य 100 रुपये मात्र। जैन आगमों में भूगोल-खगोल सम्बन्धी विषयों का बृहद् संकलन गणितानुयोग नामक ग्रन्थ में हुआ है। सरल भाषा में इसका एक संक्षिप्त संस्करण श्री विमल कुमार नवलखा द्वारा उपयुक्त शीर्षक से किया गया है। गणितानुयोग को मुख्य आधार मानकर प्रस्तुत ग्रन्थ को तुलनात्मक प्राणभूत बनाने के लिए अनुयोगद्वार, ठाणांग, समवायांग, व्याख्याप्रज्ञप्ति, उत्तराध्ययन, जीवाजीवाभिगम, राजप्रश्नीय, प्रज्ञापना, ज्ञाताधर्मकथा, सूर्यप्रज्ञप्ति, चन्द्रप्रज्ञप्ति, जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति आदि आगम सूत्रों तथा त्रिलोकसार, तिलोयपण्णत्ती, जैनतत्त्वप्रकाश, गणित सार संग्रह, लघुक्षेत्र समास, गोम्मटसार, षट्खण्डागम, लोकप्रकाश आदि प्रमाणभूत ग्रन्थों से सामग्री संग्रहीत है। इस ग्रन्थ की विशेषता यह है कि 163 अध्यायों एवं 151 चित्रों के द्वारा इसमें आगमों का आधार लेकर क्रमबद्ध लेखन किया गया है। यह भौगोलिक ग्रन्थ जैन समाज का अनमोल खजाना है, यह कोई सामान्य पुस्तक नहीं वरन् एक अनमोल कृति है। इस दृष्टि से यह कृति पठनीय एवं संग्रहणीय है।
डॉ. राहुल कुमार सिंह रिसर्च एसोसिएट, पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी
2. सन्मति-तर्कप्रकरणम (भाग-1) सूत्रकार- सिद्धसेन दिवाकर, वृत्तिकार-तर्कपञ्चानन अभयदेवसूरी, हिन्दी विवेचनआचार्य जयसुन्दरसूरी, प्रका.- दिव्यदर्शन ट्रस्ट, कलिकुण्ड, धोलका -387810, पृ.-661, मू.-60 रुपये मात्र (प्रत्येक भाग)। प्रस्तुत पुस्तक सन्मतितर्कप्रकरणम् हिन्दी विवेचन समन्वित, तत्त्वबोधविधायिनी