Book Title: Sramana 2012 04
Author(s): Shreeprakash Pandey, Ashokkumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 35
________________ 28 : श्रमण. वर्ष 63, अंक 2 / अप्रैल-जून 2012 23. श्रीवास्तव, डॉ. कृष्णकुमारी, पालि जातक साहित्य का सांस्कृतिक अध्ययन, सुलभ प्रकाशन, 17 अशोक मार्ग, लखनऊ. 1984, पृ. 173 24. श्रावकाचार संग्रह (भाग-4), हीरालाल सिद्धान्त अलंकार, लालचन्द्र हीराचन्द्र, जैन संस्कृति संरक्षक संघ, शोलापुर, महाराष्ट्र. 1976. पृ. 80 25. व्याख्याप्रज्ञप्ति, सं. मधुकर मुनि, 3.1, पूर्वोक्त. पृ. 91 26. ज्ञाताधर्मकथांग, सं. मधुकर मुनि. 1.1.98. पूर्वोक्त, पृ. 48 27. वही, 1.1.98, पृ. 48 28. मिश्र, डॉ. जयशंकर, प्राचीन भारत का सामाजिक इतिहास, बिहार हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, 1983, पृ. 20 29. उपासकदशांग, सं. मधुकर मुनि, 1.16, पृ. 56 30. बौद्धायन धर्मसूत्र, चौखम्बा प्रकाशन, वाराणसी, 1934, पृ. 43 31. आचारदिनकर, वर्धमानसूरिकृत, निर्णयसागर मुद्रणालय, बाम्बे, 1922, पृ. 391 32. व्याख्याप्रज्ञप्ति, सं. मधुकर मुनि, 3.18.2, पूर्वोक्त, पृ. 675 33. ज्ञाताधर्मकथांग, सं. मधुकर मुनि, 1.16.21, पूर्वोक्त. पृ. 217 34. भिक्षुआगमकोश भाग 1. (सं.) आचार्य महाप्रज्ञ. जैन विश्व भारती, लाडनूं, 1996, पृ. 151 35. जैन, डॉ. फूलचन्द्र एवं श्रीमती मुन्नी, मूलाचार, भारतवर्षीय अनेकान्त विद्वत्परिषद, 1996. पृ. 116 36. पंचविहं आयारं आयरमाणा तहा पभासंता। आयारं दंसंता आयारिणा तेण बुच्चंति।। भिक्षुआगम कोश (भाग 1), (सं.) महाप्रज्ञ, पृ. 89 37. जैनेन्द्र सिद्धान्तकोश (भाग 1), जिनेन्द्रवर्णी, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, 1970 पृ. 241 38. ज्ञाताधर्मकथांग, सं. मधुकर मुनि, 1.16.68, पूर्वोक्त, पृ. 417 39. डॉ. साध्वी विजयाश्री, जैन श्रमणियों का वृहद् इतिहास, पृ. 36 40. आचारांगसूत्र, सं. मधुकर मुनि. 2.2.2. पूर्वोक्त, पृ. 114 41. वही, सं. मधुकर मुनि. 2.2.5. पूर्वोक्त. पृ. 233 42. वही, सं. मधुकर मुनि, 2.2.6, पूर्वोक्त, पृ. 262 43. उत्तराध्ययनसूत्र, सं. साध्वी चन्दना, वीरायतन प्रकाशन, आगरा-2, 1972, 36.251, पृ. 416 44. जैनेन्द्रसिद्धान्त कोश, जिनेन्द्रवर्णी, पृ. 388 45. आप्टे, वामन शिवराम. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश, पूर्वोक्त, पृ. 10-11 46. आचारदिनकर, वर्धमानसूरिकृत, पृ. 238 47. व्याख्याप्रज्ञप्ति. सं. मधुकर मुनि. 3.16.5. पूर्वोक्त, पृ. 363 48. ज्ञाताधर्मकथांग. सं. मधुकर मुनि. 1.12.4. पूर्वोक्त. पृ. 322

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