Book Title: Sramana 2012 04
Author(s): Shreeprakash Pandey, Ashokkumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 70
________________ पुस्तक समीक्षा वाराणसी के जैन तीर्थ एवं मन्दिर लेखक- ललित चन्द जैन, प्रका.- लाभेन्दु प्रकाशन. वाराणसी. मूल्य- 20/पृ. 56 प्रस्तुत पुस्तक वाराणसी के जैन तीर्थ एवं मन्दिरों की दृष्टि से अत्यन्त ही महत्त्वपूर्ण है। प्रस्तुत पुस्तक 15 लघु अध्यायों में विभाजित है। वाराणसी जैन तीर्थों का एक महत्त्वपूर्ण स्थल रहा है। जैन परम्परा के अनुसार 24 तीर्थंकरों में से 4 तीर्थंकरों की जन्मस्थली वाराणसी ही रही है। यह तो निर्विवाद रूप से सिद्ध है कि भगवान् पार्श्वनाथ का जन्म वाराणसी के भेलूपुर में हुआ था। लेखक ने पुस्तक का प्रारम्भ वाराणसी के जैन तीर्थों से किया है। इनमें भेलूपुर, भदैनी, सिंहपुरी एवं चन्द्रावती तीर्थ का वर्णन पुस्तक के अध्याय में क्रमानुसार किया गया है। पुस्तक में अन्य श्वेताम्बर जैन मन्दिरों का भी उल्लेख है। पुन: जैन आगमा में वाराणसी, भगवान् पार्श्वनाथ का जीवन वृत्तान्त. जैन कथा साहित्य में काशी, उत्खनन में प्राप्त जैन प्रतिमाएँ. विविध तीर्थकल्प में वाराणसी. पन्द्रहवीं से बीसवीं शताब्दी में वाराणसी. काशी का संक्षिप्त इतिहास एवं सांस्कृतिक परम्परा, विभिन्न क्षेत्रों में काशी का योगदान, वाराणसी के दर्शनीय स्थल एवं अन्य उपयोगी सूचनाएँ लेखक ने क्रमशः प्रस्तुत किया है। पर्यटन की दृष्टि से अन्य उपयोगी सूचनाएँ शीर्पक से प्रस्तुत पुस्तक का अन्तिम अध्याय अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। इस अध्याय में अन्य शहरों से वाराणसी की दूरी एवं महत्त्वपूर्ण ट्रेनों की सूचना है। पुस्तक में यत्र-तत्र तीर्थों एवं मन्दिरों के चित्र दिये गए हैं जो इस पुस्तक की महत्ता को दर्शाते हैं। लेखन में सर्वत्र समन्वयात्मक प्रयास दृष्टिगोचर होता है। यह पुस्तक जैन तीर्थ एवं मन्दिरों के विषय में जिज्ञासा रखने वाले पाठकों एवं जिज्ञासुओं के लिए पाठनीय एवं संग्रहणीय है। इस शोधपरक कार्य के लिए लेखक बधाई के पात्र हैं। डॉ. नवीन कुमार श्रीवास्तव * * *

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