Book Title: Sramana 2012 04
Author(s): Shreeprakash Pandey, Ashokkumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi
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जैन अंग साहित्य में प्रतिबिम्बित..... : 27 सन्दर्भ सूची 1. झा, डॉ. विजय कुमार, संस्कारों का महत्त्व, श्रमण (लेख), पार्श्वनाथ
विद्याश्रम शोध संस्थान (वर्तमान में पार्श्वनाथ विद्यापीठ). वाराणसी, वर्ष
54. अंक 1. 3. 2003, पृ. 11 2. आप्टे, वामन शिवराम, संस्कृत-हिन्दी कोश, भारती विद्या प्रकाशन,
. वाराणसी, 1999, पृ. 1051 3. पाण्डेय, राजबली, हिन्दू धर्म कोश, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, गांधी
मार्ग, लखनऊ, 1978. पृ. 645 4. मनुस्मृति, क्षेमराज कृष्णदास, प्रकाशन 2.16.36, पृ. 25.29 5. जैन, भागचन्द्र, जैन दर्शन संस्कृति का इतिहास, न्यू एक्सटेंशन एरिया,
नागपुर, 1997, पृ. 390 6. दुबे, डॉ. राजदेव, स्मृतिकालीन भारतीय समाज एवं संस्कृति, प्रतिभा
प्रकाशन, दिल्ली, पृ. 44 | 7. ज्ञाताधर्मकथांग, सं. मधुकर मुनि, आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर
(राज.). 1985, 1.1.93, पृ. 46 8. हस्तीमल जी महाराज, आगम के अनमोल रत्न, घनराम घासीराम
कोठारी, लक्ष्मी पुस्तक भण्डार, गांधी मार्ग, अहमदाबाद, 1968, पृ. 545 9. वही, पृ. 315 10. पाण्डेय, डॉ. राजबली. हिन्दू संस्कार, चौखम्बा विद्या भवन, वाराणसी,
1966, पृ. 111 11. ज्ञाताधर्मकथांग, सं. मधुकर मुनि, 1.1.93, पूर्वोक्त, पृ. 46 12. औपपातिकसूत्र. सं. मधुकर मुनि, पूर्वोक्त, 105, पृ. 148 13. व्याख्याप्रज्ञाप्ति, सं. मधुकर मुनि, आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर
(राज.). 3.2.44, पृ. 88 14. ज्ञाताधर्मकथांग, सं. मधुकर मुनि, 1.2.93, पूर्वोक्त, पृ. 46 15. पाण्डेय, डॉ. राजबली, हिन्दू संस्कार, पूर्वोक्त, पृ. 99 16. सिन्हा, मनीषा, जैन व बौद्ध आगमों में लोक धर्म, पृ. 169 17. ज्ञाताधर्मकथांग, सं. मधुकर मुनि, 1.16.82, पूर्वोक्त, पृ. 421 18. व्याख्याप्रज्ञप्ति, सं. मधुकर मुनि, 3.11.1, पूर्वोक्त, पृ. 88 19. ज्ञाताधर्मकथांग, सं. मधुकर मुनि, 1.1.97, पूर्वोक्त, पृ. 47 20. राजप्रश्नीयसूत्र, सं. मधुकर मुनि, आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर
_ (राज.) 1982, सू. 280. पृ. 206 21. वही, सूत्र 280, पृ. 206 22. जातक (जिल्द 2), पृ. 381

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