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९८ : श्रमण, वर्ष ६२, अंक २ / अप्रैल-जून-२०११ तक विद्यापीठ के प्राङ्गण में होगा। डॉ० मंजू जैन तथा सुश्री अमिता जैन, जयपुर, विद्यार्थियों को विषय के अध्यापन के साथ-साथ परीक्षा सम्बन्धी सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायेंगी। ५. प०पू० प्रशमरति विजयजी महाराज का शोधकार्य हेतु आगमन प०पू० प्रशमरति विजयजी महाराज २१ अप्रैल २०११ को शोधकार्य हेतु विद्यापीठ के प्राङ्गण में पधारे। उनके शोध का विषय है- 'वर्तमान शताब्दी के संस्कृत-प्राकृत के ग्रन्थ एवं ग्रन्थकार'। महाराजजी श्वेताम्बर-स्थानकवासी, श्वेताम्बर-तेरापंथी, श्वेताम्बर-मूर्तिपूजक एवं दिगम्बर ग्रन्थ एवं ग्रन्थकारों का समीक्षात्मक अनुशीलन करेंगे। ६. क्रिस्टोफर फ्लेमिंग (फुलब्राईट स्कालर) का शोधकार्य हेतु आगमन अमेरिका के फुलब्राईट स्कालर क्रिस्टोफर फ्लेमिंग की शोधकार्य हेतु विद्यापीठ में अगस्त के द्वितीय सप्ताह में आने की योजना है। वे लगभग ५ माह के अपने भारत प्रवास का अधिकांश समय यहाँ रुककर संस्कृत एवं जैनधर्म-दर्शन के मूल ग्रन्थों का अध्ययन करेंगे।