Book Title: Sramana 2011 04
Author(s): Sundarshanlal Jain, Shreeprakash Pandey
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 117
________________ १०६ : श्रमण, वर्ष ६२, अंक २ / अप्रैल-जून-२०११ साहित्य-सत्कार में सम्पूर्ण जैन संस्कृति की रूपरेखा, जैन मतानुसार आरों का वर्णन, सष्टि-विकास की कहानी तथा भगवान महावीर के पूर्ववर्ती तीर्थकरों का जीवन परिचय दिया गया है। द्वितीय खण्ड में भगवान् महावीर के पूर्व भवों का वर्णन, महावीर-कालीन परिस्थितियाँ, महावीर का जन्म-महोत्सव, विवाह इत्यादि की सचित्र चर्चा प्रस्तुत है। तृतीय खण्ड में भगवान् महावीर के साधना कालों को दर्शाया गया है। चतुर्थ एवं पञ्चम खण्ड में केवलज्ञान महोत्सव, गणधर-संवाद तथा भगवान् महावीर द्वारा धर्म-प्रचार के विषय की प्रामाणिकता को पुष्ट करने के लिए आगम ग्रन्थों के सन्दर्भ भी दिये गए हैं। पुस्तक के अन्त में तीर्थंकरों के जीवन आदि से सम्बन्धित सूचनात्मक तालिका दी गयी है। यह पुस्तक जैन एवं जैनतर विषयों के अध्येताओं के लिए पठनीय एवं संग्रहणीय है। इसके लिए लेखकद्वय बधाई के पात्र हैं। ____डॉ० नवीन कुमार श्रीवास्तव

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