Book Title: Sramana 1993 04
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

View full book text
Previous | Next

Page 2
________________ सम्पादक डा० प्रशोक कुमार सिंह वर्ष ४४ प्रधान सम्पादक प्रो० सागरमल जैन प्रस्तुत प्रङ्क में १. आचार्य हरिभद्र और उनका साहित्य अप्रैल-जून, १९९३ - डॉ० कमल जैन २. षट्जीवनिकाय में त्रस एवं स्थावर के वर्गीकरण की समस्या - ५. शोक समाचार ६. जैन जगत वार्षिक शुल्क चालीस रुपये - प्रो० ३. पूर्णिमापक्ष भीमपल्लीयाशाखा का इतिहास - शिवप्रसाद सह-सम्पादक डा० शिव प्रसाद ४. वसन्तविलास महाकाव्य का काव्य-सौन्दर्य ० सागरमल जैन - डॉ केशव प्रसाद गुप्त अंक ४-६ एक प्रति दस रुपये १ १३ २२ ३६ ६० ६१ यह आवश्यक नहीं कि लेखक के विचारों से सम्पादक अथवा संस्थान सहमत हों । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 ... 66