Book Title: Siriwal Chariu
Author(s): Narsendev, Devendra Kumar Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 2
________________ ज्ञानपीठ मूर्तिदेवी ग्रन्थमाला : अपभ्रंश ग्रन्थांक १२ - कवि नरसेनदेव विरचित सिरिवालचरिउ [हिन्दी प्रस्तावना, अपभ्रंश मूल, हिन्दी अनुवाद, पाठान्तर तथा शब्दावली सहित] सम्पादन-अनुवाद डॉ. देवेन्द्रकुमार जैन, एम. ए., पी-एच. डी. RAMA HOOL HILI ना . BULOAD कानपीठ, सशोधिन मूल्य Rs. 40/ MELATLUNDI Hilda JNANP SATIYA भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन वीर नि.संवत् २५००: विक्रम संवत् २०३१ : सन् १९७४ प्रथम संस्करण : मूल्य बारह रुपये Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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