Book Title: Silakkhandhavagga Abhinava Tika Part 1
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri

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Page 480
________________ [छ-झ] सद्दानुक्कमणिका [१७] चेतसिकसुखं - १९८ चेतोपरियाणं-२५० चेतोविमुत्ति-४३६ चेतोसमाधि-३४६ चोदिता-१६१ चोरकम्म-२९० छकामावचरदेवपरियापन्नोति-३९२ छड्डितपतितउक्लापाति-६४ छन्दमूलका– २७४,४२८ छन्दरागप्पहानन्ति-३५९ छन्दागमनं -५६ छन्दो-३७७,३७८ छब्बण्णरस्मियोति-१८० छब्बिधधम्मसन्दस्सनलक्खणो-४२० छम्भितत्तन्ति-३६७ छविदोसोति-३१४ छविरागकरणन्ति-३०६ छळभिञाचतुपटिसम्भिदानं-१०३ छायूदकसम्पन्नन्ति - १७१ छिन्दन्तोति-३१० छज्जगामिनीति-३३९ जातरूपं-३०७ जातिक्खेत्तं -४११ जातिधम्मानं-३३३ जातिपच्चया-२७५,३६७ जातिस्सरो-३५१ जातीति - ४०७ जानता-१७४, १७५, १७७, १८८, २७५ जाननपस्सनं-४०१ जानातीति-५४, ६३, १४७, २७६, २९६, ४००, ४१० जालं-७३, २४३ जिनचक्के-१०४ जिनोति-२६१ जियावेगुक्खित्तोति -३८३ जिव्हाग्गे-५२ जीवकम्बवनेति-७४ जीवन्तीति-३७२ जीवसञ्जिनो-३०४ जीविकत्थायाति-३२९,३३० जीवितमदो-१५७ जीवितिन्द्रियन्ति - २८३ जुतिन्धरो-२८० जूतखलिकेति-३१७ जूतप्पमादट्ठानभावो-३१८ जेट्ठनक्खत्तं-५९ जेट्ठमूलसुक्कपक्खपञ्चमी-६० जेतवनविहारं-६३ जोतिवनेति-४१६ जनकटेन - ३५४ जनाति - १७२, ३४२ जनोति - २१३, २१४ जम्बुदीपवासीनमेव-२७ जसदपानन्ति-४७ जागरियानुयोगो - २३७, २४१ जाणुसोणिसुत्ते-२९३ जातकबुद्धवंसादीसु-२६४ जातरूपरजतं - ८४ झान-सद्देन-३६३ झानानुभावतो-३६४ झानानुभावसम्पन्नो - ३४६ झानानुयोगो-२५३ झे-सद्दो - ९९ 17 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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