Book Title: Silakkhandhavagga Abhinava Tika Part 1
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri

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Page 503
________________ [४०] दीघनिकाये सीलक्खन्धवग्गअभिनवटीका-१ [स-स] सीलनलक्खणं - २२० सीलन्ति - ५२, २३१, ४३४ सीलपारमी-२२० सीलपारिसुद्धिं - २३२ सीलमत्तकन्ति-२०२,४२७ सीलविसुद्धि-२५०, ४१८ सीलसमाधिपायो-४१० सीलसम्पत्तिसिद्धितो--२१८ सीलसम्पदा- १०२, २३१, २३३ सीलसंवरो-२३७, २४१ सीलेनाति-६९, ९८, २०३ सीसानुलोकिनोति-१६७ सीहसेय्या-६१ सीहळगण्ठिपदे - ९६ सीहळदीपे-३२५ सीहोति-१८३, १८४ सुक्कसोणितन्ति-३९२ सुक्खवलाहकगज्जनन्ति-३२८ सुक्खविपस्सकखीणासवभिक्खूति-५० सुक्खविपस्सका-५१ सुखकरणी-३०१ सुखन्ति-१९, ३५८,४३७, ४३८ सुखवेदनाय-३५९ सुखसम्फस्सानि- १०३ सुखसीलो-२२४, २४५ सुखाति-३०१ सुगतसद्देन - १३, १४ सुगतो-११, १२, २१७ सुगम्भीराति-३४० सुचरितकम्मुना – ६६ सुञतापकासनं-३३३, ४१९ सुञतालक्खणं-२७४ सुचन्ति-३६४ सुञभावन्ति - २९७ सुतचिन्तामयपञ्जा-३७८ सुतधरोति-१३२ सुता-१४३, ३५४ सुत्तन्तदेसनाति-८२ सुत्तन्तनयपटिपत्ति-३१३ सुत्तन्ताभिधम्मसङ्गीति-७३ सुत्तं - ३४,५२,७४,७८,८०,८१,९८,१०८,१०९, ११०, ११२, ११७, ११८, १३४, १३८, १८९, २७६, ३९०,४१४, ४१७,४२०,४३९ सुत्तेन-८०,८१, ८३ सुद्धकोसेय्यन्ति -३२० सुद्धचित्तेन-३१५ सुद्धतक्को -३५१ सुद्धावासा - ३८८ सुद्धि-१४१,२७३ सुनिविट्ठो-३२२ सुपरिसुद्धनिपुणनयाति-२९ सुपरिसुद्धसमाचारो-२४४ सुपरिसुद्धं - २९ सुपिनकन्ति-३२५ सुभगकरणं-३३० सुभद्दोति-३६ सुभासितं-४१४, ४२१,४२२ सुभो - ६३ सुमनपुष्पं - २०४ सुमनोति-४५,४६ सुरभिगन्धो-२३० सुलपितं-४१४ सुविसुद्धा --२६४ सेक्खाणं-३३८ सेक्खपुग्गलो - ५३ सेक्खोति-५६ सेतत्थरणोति-३१९ सेतरुक्खो -३१३ सेना - १८, १९ सेनाब्यूहो-३१७ सेय्यथापि- ४५,४६,१२७,१९६,२२९,२३२,३६०, ४०४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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