Book Title: Shripalras aur Hindi Vivechan
Author(s): Nyayavijay
Publisher: Rajendra Jain Bhuvan Palitana

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Page 2
________________ श्रीपाल-रास-हिन्दी विवेचना पण मंच्या h लेखकः-श्री सौधर्म हसपागच्छीय मुनि श्री न्यायविजयजी महाराज, साहित्य-रत्न, काव्यतीर्थ, ज्योतिष-विशारद विषय पृष्ठ संख्या प्रथम खण्ड-कहां क्या? प्रथम खण्ड-दाल चौथी ३१ मंगलाचरण ( विनयविजयजी) १ सम्राट बाग में पधारे मंगलाचरण ( न्यायविजयजी) कुष्टी की अभिवचन गणधर देशना लड़कपन न कर दिव्य शक्ति प्रथम खण्ड-दाल पाँचवीं मोक्ष स्वरूप कौन बेटा ? कौन बाप ग्रंथारंभ-ढाल पहली | आपकी सवारी कहाँ जा रही है? ३८ प्रसव-विज्ञान इतिहास क्या कहेगा? इच्छा शक्ति का चमत्कार प्रथम खण्ड--दाल छठी गभवती महिला का भोजन सगर्भा के मनोरथ दामपत्य जीवन कन्याओं का जन्मोत्सव राणा और मयणा का संवाद बच्चों से संभाषण और व्यवहार कैसे करें? जिन दर्शन का फल आपको चाहिए दशत्रिक, पांच अभिगम स्त्री की चौसठ कला आचार्य श्री का प्रवचन सम्राट् प्रजापाल के प्रश्न प्रथम खंड़-दाल सातवीं प्रथम खण्ड-दाल दूसरी अपने धड़कते दिल से पूछो एक गुप्त मंत्र जो करणी अंतर वसे भाग्योदय का समय दूर नहीं कौन वस्तु है खरी? आराधना का मार्ग दर्शन प्रथम खण्ड--ढाल तीसरों २५ । देव वंदन कैसे करें ? आत्मारामजी पिता पुत्री का वाद विवाद २८ । (विजयानंदमूरिजी) का अभिप्राय मंत्री की समयज्ञता ३० । प्रथम खण्ड- ल आठवीं ५७ ४३ ४५ ४८ ___ ५४

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