Book Title: Shravaka Jivan Part 3
Author(s): Bhadraguptasuri
Publisher: Vishvakalyan Prakashan Trust Mehsana

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Page 6
________________ धर्मबिन्दुः सूत्राणि * लोकापवादभीरूता ॥७२॥ * गुरूलाघवापेक्षणम् ॥७३॥ * बहुगुणे प्रवृत्तिः ॥७४॥ * चैत्यादिपुरस्सरं भोजनम् ॥५॥ * तदन्वेव प्रत्याख्यान-क्रिया ॥७६।। * शरीरस्थितौ प्रयत्नः ॥७॥ * तदुत्तरकार्यचिन्ता ॥८॥ कुशलभावनायां प्रबन्धः ॥७९॥ शिष्टचरित-श्रवणम् ॥८॥ * सांध्यविधिपालनम् ॥८॥ * यथोचितं तत्प्रतिपत्तिः ॥८॥ * पूजापुरस्सरं चैत्यादिवन्दनम् ॥८३॥ * साधुविश्रामण-क्रिया ॥८॥ * योगाभ्यास इति ॥८५॥ * नमस्कारादिचिन्तनम् ॥८६॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org


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