Book Title: Shravak Dharm Vidhi Prakaran
Author(s): Haribhadrasuri, Vinaysagar Mahopadhyay, Surendra Bothra
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 5
________________ मानद निदेशक डॉ० सागरमलजी जैन ने हिन्दी अनुवाद का परिमार्जन किया तथा इसकी विस्तृत प्रस्तावना तैयार की, जिसमें आचार्य हरिभद्रसूरि के सभी ग्रन्थों का विहगावलोकन सम्मिलित है। देश-विदेश में अंग्रेजीभाषी लोगों की जैनधर्म और संस्कृति के प्रति बढती रुचि को देखते हुए इसमें श्री सुरेन्द्र बोथरा द्वारा कृत अंग्रेजी अनुवाद भी सम्मिलित किया गया है। हम इन सभी विद्वान सहयोगियों के प्रति धन्यवाद प्रकट करते हैं। दो ख्यातिलब्ध संस्थाओं के संयुक्त प्रकाशन का यह तीसरा पुष्प है। हमें आशा है ऐसे संयुक्त प्रकाशनों की इस कड़ी में हम भविष्य में भी अपने पाठकों को महत्त्वपूर्ण साहित्य उपलब्ध कराते रहेंगे। - सचिव पार्श्वनाथ विद्यापीठ वाराणसी सचिव प्राकृत भारती अकादमी जयपुर

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