Book Title: Shravak Dharm Vidhi Prakaran Author(s): Haribhadrasuri, Vinaysagar Mahopadhyay, Surendra Bothra Publisher: Prakrit Bharti Academy View full book textPage 1
________________ पदेषां जेा अथवा सुत बेटा सरीषाग पावरादिक जे ह Στ रह० एकर बनना डिउ ते हवको सिद्द कम कि श्रावक धर्मविधिप्रकरण तप बताव वि काले दि राम नामउतिजप संपणाराशिसि लगाई पर्यवाप यादव प्यमाणंच २ वे ३. अंतर बाप्पा बऊदारात पडला रणिका) इमे सुपत्नरार दव ० बुदे या नारा ॥ वि वि लोगे? का ले राग जम्म तिर्कसु ए ११९३ बउ बस लामी ए५ सं तावमा हिम इसाविंश हसिंहनू हमको कृष्ण सबसे ਚਰਚ सियाच्या कालहारे सिन. सीश बरे. चार तीनच उपचार जन्म उस्स• वर्धमान काल का लई चीजइच उथई पो चमइ चार इमुक्ति" उस्स. वईमा म. विनयसागर जा सुरेन्द्र बोथरा । मनुष्पस्त्रा पुरुष नपुसक सारा राजसमयवदPage Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 ... 134