Book Title: Shatkhandagama Pustak 04
Author(s): Pushpadant, Bhutbali, Hiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
Publisher: Jain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
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पृष्ठ
फोसणपरूवणासुत्ताणि
(५) सूत्र संख्या
पृष्ठ सूत्र संख्या ८८ आहाराणुवादेण आहारएसुमिच्छा- ९१ सासणसम्मादिट्ठी असंजदसम्मादिट्ठी ओघं ।
१३७ दिट्ठी अजोगिकेवली केवडि खेत्ते, ८९ सासणसम्मादिहिप्पहुडि जाव लोगस्स असंखेज्जदिभागे। १३८
सजोगिकेवली केवडि खेत्ते, ९२ सजोगिकेवली केवडि खेत्ते,
लोगस्स असंखेज्जदिभागे। १३७ लोगस्स असंखेज्जेसु वा भागेसु, ९० अणाहारएसु मिच्छादिट्ठी ओधं । १३७/ सव्वलोगे वा ।
१३८
फोसणपरूवणासुत्ताणि
सूत्र संख्या सूत्र पृष्ठ सूत्र संख्या ।
पृष्ठ १ पोसणाणुगमेण दुविहो णिद्देसो, केवलीहि केवडियं खेत्तं फोसिदं,
ओघेण आदेसेण य । १४१ लोगस्स असंखेज्जदिभागो। १७० २ ओघेण मिच्छादिहीहि केवडियं १० सजोगिकेवलीहि केवडियं खेतं
खेत्तं पोसिदं, सबलोगो। १४५ पोसिदं, लोगस्स असंखेजदिभागो, ३ सासणसम्मादिट्ठीहि केवडियं खेत्तं असंखेजा वा भागा,सबलोगो वा। १७२ फोसिदं, लोगस्त असंखेज्जदि- ११ आदेसेण गदियाणुवादेण णिरयभागो।
१४८ गदीए णेरइएसु मिच्छादिट्ठीहि ४ अहवारह चोदसभागा वा देसूणा। १४९, केवडियं खेत्तं पोसिदं, लोगस्स ५ सम्मामिच्छाइदि-असंजदसम्मा-
असंखेज्जदिभागो।
१७३ इट्ठीहि केवडियं खेतं पोसिदं, १२ छ चोदसभागा वा देसूणा। १७३ लोगस्स असंखेज्जदिभागो। १६६ १३ सासणसम्मादिट्ठीहि केवडियं खेतं ६ अट्ठ चोद्दसभागा वा देसूणा । १६६ पोसिदं, लोगस्स असंखेज्जदि७ संजदासंजदेहि केवडियं खेत्तं भागो। .
फोसिदं, लोगस्त असंखेन्जदि- १४ पंच चौदसभागा वा देसूणा। १७७ भागो।
१६७ १५ सम्मामिच्छादिट्ठि-असंजदसम्मा.८ छ चोद्दसभागा वा देसूणा। १६८ दिट्ठीहि केवडियं खेत्तं पोसिद,
९ पमत्तसंजदप्पहुडि जाव अजोगि- लोगस्स असंखेज्जदिभागो। १७८
१७७
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