Book Title: Shatkhandagama Pustak 04
Author(s): Pushpadant, Bhutbali, Hiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
Publisher: Jain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati

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Page 614
________________ फोसणपरूवणासुत्ताणि सूत्र संख्या सूत्र पृष्ठ सूत्र संख्या १३१ अजोगिकेवली ओघ । २८५,१४४ ओधिदंसणी ओधिणामिंगो। १८९ १३२ संजमाणुवादेण संजदेसु पमत्त- १४५ केवलदसणी केवलणाणिभंगो। २९. संजदप्पहुडि जाव अजोगिकेवलि १.४६ लेस्साणुकादेण किण्ड्लेस्सियत्ति ओघं। थीललेस्सिय-काउलेस्सिमिया- . . १३३ सजोगिकेवली ओघं । दिट्टी ओघं। १३४ सामाइयच्छेदोक्ट्ठावणसुद्धिसंज- १४७ सासणसम्मादिट्ठीहि केवडिय देसु पमससंजदुप्पहुडि जाव खेतं पोसिदं, लोगस असंखेअणियट्टि ति ओघं । २८६ ज्जदिमागो। १३५ परिहारसुद्धिसंजदेसु पमत्त-अप्प- १४८ पंच चत्तारि वे चोइसभामा मत्तसंजदेहि केवडियं खेत्तं पोसिद, वा देसूणा। लोगस्स असंखेज्जदिभागो। , " १४९ सम्मामिच्छादिहि-असंजदसम्मा१३६ सुहुमसांपराइयसुद्धिसंजदेसु सुहु दिट्ठीहि केवडियं खेत्तं फोसिद, ___ मसांपराइय-उवसमा खवा ओघ । २८७ १३७ जहाक्खादविहारसुद्धिसंजदेसुच- लोगस्स असंखेज्जदिभागो। २९१ १५० तेउलेस्सिएसु मिच्छादिहिदुट्ठाणी ओघं। १३८ संजदासजदा ओघ । सासणसम्मादिट्टीहि केवडियं १३९ असंजदेसु मिच्छाइटिप्पहुडि जाव खेत्तं पोसिदं, लोगस्स असंखेअसंजदसम्मादिहि त्ति ओघं। २८८ .. ज्जदिभागो। २९४ १४० दंसणाणुवादेण चक्खुदंसणीसु१५१ अट्ठ णव चोइसभागावा देवणा। २९५ मिच्छादिट्ठीहि केवडियं खेतं । १५२ सम्मामिच्छादिहि-असंजदसम्मापोसिदं, लोगस्स असंखेजदि- दिट्ठीहि केवडियं खेतं फोसिद, भागो। लोगस्स असंखेजदिभागो। " १४१ अट्ठ चोद्दसभागा देसूणा सब- १५३ अह चोइसभागाचा देखणा। , लोगो वा। १५४ संजदासजदेहि केवडियं खेतं १४२ सासणसम्मादिहिप्पहुडिहि जाय। पोसिदं, लोगस्स असंखेज्जदिखीणकसायवीदरागछदुमत्था ति भागो। २९६ ओघं । २८९/१५५ दिवड चोड़सभामा वा देरणा । " १४३ अचवदंगणीसु मिच्छादिहि- १५६ पमत्त-अपमत्तसंजदा ओघं। २९७ पहुडि जाव खीणकसाय- १५७ पम्मलेस्सिएसु मिच्छाइविप्पहाडि वीदरागछदुमत्था ति ओघं । जाव असंजदसम्मादिडीहि केव Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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