Book Title: Shatkhandagama Pustak 04
Author(s): Pushpadant, Bhutbali, Hiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
Publisher: Jain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati

View full book text
Previous | Next

Page 621
________________ सूत्र पृष्ठ (१८) परिशिष्ट सूत्र संख्या सूत्र पृष्ठ सूत्र संख्या १२६ एगजीवं पडुच्च जहण्णेण ग्वुद्दा- १३९ कायाणुवादेण पुढविकाइया आउभवग्गहणं। ३९६ काइया तेउकाइया वाउकाइया १२७ उक्कस्सेण अंतोमुहुत्तं । ३९७/ केवचिरं कालादो हॉति, णाणा१२८ बीइंदिया तीइंदिया चउरिंदिया, जीवं पडुच्च सव्वद्धा । ४०१ बीइंदिय-तीइंदिय-चउरिंदिय-- १४० एगजीवं पडुच्च जहण्णेण खुदापज्जत्ता केवचिरं कालादो होति, भवग्गहणं ।। णाणाजीवं पडुच्च सव्वद्धा। , १४१ उक्कस्सेण असंखेजा लोगा। , १२९ एगजीवं पडुच्च जहण्णेण खुद्दा- १४२ बादरपुढविकाइया बादरआउभवग्गहणं, अंतोमुहुत्तं । काइया बादरतेउकाइया बादर१३० उक्कस्सेण संखेन्जाणि वाससह वाउकाइया बादरवणप्फदिकाइयस्साणि। पत्तेयसरीरा केवचिरं कालादो १३१ वीइंदिय-तीइंदिय-चउरिदिया अ होंति, णाणाजीवं पडुच्च सव्वद्धा। ४०२ पज्जत्ता केवचिरं कालादो होति, १४३ एगजीवं पटुच्च जहण्णेण खुद्दा___णाणाजीवं पडुच्च सव्वद्धा। ३९८ भवग्गहणं ।। १३२ एगजीवं पडुच्च जहण्णण खुद्दा- १४४ उक्कस्सेण कम्मद्विदी। भवग्गहणं। , १४५ वादरपुढविकाइय-बादरआउ१३३ उक्कस्सेण अंतोमुहत्तं । ३९१ काइय-बादरतेउकाइय-बादरवाउ१३४ पंचिंदिय-पंचिंदियपजत्तएसु मि. काइय-बादरवणप्फदिकाइयच्छादिट्ठी केवचिरं कालादो पतेयसरीरपज्जत्ता केवचिरं होंति, णाणाजीवं पडुच्च सव्यद्धा। , कालादो होंति, णाणाजीवं पडुच्च १३५ एगजीवं पडुच्च जपणेण अंतो सबद्धा । मुहुत्तं । ,, १४६ एगजीवं पडुच्च जहण्णेण अंतो१३६ उक्कस्सेण सागरोवमसहस्साणि । मुहुत्तं । पुवकोडिपुधत्तेणब्भहियाणि, १४७ उक्कस्सेण संखज्जाणि वास सागरोवमसदपुधत्तं । ४०० सहस्साणि । १३७ सासणसम्मादिटिप्पहुडि जाव १४८ बादरपुढविकाइर-बादरआउअजोगिकेवलि त्ति ओघं । काइय-बादरतेउकाइय-बादरवाउ१३८ पंचिंदियअपज्जत्ता बीइंदिय काइय-बादरवणष्फदिकाइय-- अपज्जत्तमंगो। पत्तेयसरीरअपज्जत्ता केवचिरं ४०४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640 641 642 643 644 645 646