Book Title: Shashti Shatak Prakaran
Author(s): Nemichandra Bhandari, Bhogilal J Sandesara
Publisher: Maharaja Sayajirav Vishvavidyalay
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पाडशे तथा अन्य भगिनीभाषाओना प्राचीनतर युगोना अध्ययनमा पण उपयोगी थशे एवी आशा छे.. ___ आम साहित्य तेमज भाषाना तुलनात्मक अने ऐतिहासिक अभ्यासनो द्विविध उद्देश आ ग्रन्थमालाना प्रकाशनमां छे. आ विषयना विद्यार्थीओ अने अभ्यासीओने आ रीते जुदा जुदा दृष्टिकोणथी उपयोगी थाय एवां प्रकाशनो आपवा माटे अमे सतत प्रयत्नशील रहीशं. योग्य सूचनो द्वारा तथा प्रकाशनोनां विवेचनो द्वारा आ कार्यमा सहकार आपवा तज्ज्ञोने विनंती छे. 'अध्यापकनिवास,' )
भोगीलाल जयचंदभाई सांडेसरा वडोदरा.
सामान्य संपादक. कार्तिकी पूर्णिमा, सं. २००९. .
आपवानी पद्धति सामान्य रीते आ संपादनोमा रहेशे. जो के ढूंकी तेम ज कोई एक अपेक्षाए विशिष्ट कृतिना संपादनमां, जरूर जणाये, सर्व शब्दोनो कोश न आपी शकाय एवं नथी.