Book Title: Shabdaratnamahodadhi Part 2
Author(s): Muktivijay, Ambalal P Shah
Publisher: Vijaynitisurishwarji Jain Pustakalaya Trust Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 12
________________ ८१९ चक्रपाणिदत्त-चक्रवर्तिता शब्दरत्नमहोदधिः। चक्रपाणिदत्त पुं. 'यत्त' नामना वैध अंथनी | चक्रमर्दिका स्त्री. (चक्रं मृनाति या) A%udu - से विद्वान. ललितादित्यभू भर्तु वल्लभा चक्रमर्दिका . चक्रपाद पुं. (चक्रं पाद इव यस्य) २थ, ई, (चक्रमिव । राजतर० ४।२१३ । पादो यस्य) हाथी, इस्ती.. चक्रमुख पुं., चक्रमुखी स्त्री. (चक्रमिव वृत्तं मुखमस्य चक्रपाल पुं. (चक्रं पालयति पालि अण्) सेनापति, चक्रमुख+स्त्रियां जातित्वात् ङीष्) y3, २रानी हु२, રાષ્ટ્રપાલક, દેશનો અધિકારી. 3. चक्रपुष्करिणी स्री. (चक्रेण खननात् विष्णुना कृता चक्रमुद्रा स्त्री. तंत्रशास्त्र प्रसिद्ध . भुद्रा -हस्तौ तु पुष्करिणी) २0म. साव.स. भ.5051402 तीथ.. संमुखौ कृत्वा, संलग्नौ सुप्रसारितौ । कनिष्ठागुष्ठको चक्रपुरी स्त्री. महाविड क्षेत्रमा वि.४यनी भुज्य लग्नौ, मुद्रैषा चक्रसंज्ञिका ।। नगरी. चक्रमुषल पुं. (चक्रं मुषलं च साधनतया अत्रास्ति चक्रप्रहरण पुं. (चक्र प्रहरणमस्य) विष्ण. (त्रि.) २६३५. ___ अच्) टेमi As तथा भुशल साधन. 13 लोय. ते __ थियारवाj. युद्ध चक्रफल न. (चक्रमिव फलमग्रं यस्य) 2041 चक्रयान न. (चक्रयुक्तं यानम्) २५, २॥, २Uई, અગ્રભાગવાળું એક હથિયાર. પૈડાંવાળી ગાડી. चक्रबन्धु, चक्रबान्धव पुं. (चक्रयोर्बन्धुरिव । चक्रयोधिन पुं. 23थी. 43॥२ योद्धो, वासुदेव - २९. चक्रयोर्बान्धव इव) सूर्य, 20.531र्नु, आ3. उनी २८%. चक्रभृत् पुं. (चक्रं बिभर्ति भृ+क्विप्) विष्णु, 48 धा२५॥ ७२॥२ -चक्रभृद् विजयेशादिकेशवे गानभूषिते चक्ररक्ष पुं. (चक्रं रक्षति अण्) १.१४२. टुडीनु, २६५५ २२ योद्धो. राजतर० ११३८ । चक्रभेदिनी स्त्री. (चक्रौ चक्रवाको भिनत्ति-वियोजयति चक्ररत्न न. यवतार्नु यौह रत्नोमान मे रत्न. भिद्+णिनि+ डीप) त्रि. चक्ररथ पुं. 23413 पक्षी, यवो. चक्रभोग पुं. (चक्रस्य राशिचक्रस्य भोगः) प्राडोन। चक्ररद पुं., चक्ररदी स्त्री. (चक्रमिव वृत्तो रदोऽस्य/ રાશિમંડલનું ભોગવવું, જે સ્થાનથી ગ્રહ ચલાયમાન चक्ररद+ङीप्) v3, ४२ सुव२-भा६८. થયો હોય તે સ્થાનમાં ફરીથી તે ગ્રહનું આવવું. चक्ररेणुका स्त्री. (चक्ररेणु+स्वार्थे कन्) ता. ४२५नु चक्रभ्रम पुं. (चक्रमिव भ्रमति भ्रम्+अच्) 2. तनु 53. કુંદ નામનું શિલ્પીનું યંત્ર. चक्रलक्षणा, चक्रलक्षणिका स्त्री. (चक्र मण्डलाकारकुष्ठे चक्रभ्रमि पुं. (चक्रभ्रम+भावे इन्) य.नु.३२, 4845 दद्रौ वा लक्षणं प्रतीकारसाधनरूपं चिद्रं यस्याः । पक्षान, मम, में तनुं शिल्पान, यंत्र. -आरोप्य चक्रलक्षणा+स्वार्थ कन्) वनस्पति. गो. चक्रभ्रमिमुष्णतेजास्त्वष्ट्रव यत्नोल्लिखितो विभाति चक्रलताम्र पुं. (चक् तृप्तौ करणे रक् चक्रः तृप्ति-रघु० ६।३२ । साधनं लताम्रः) .5 .5२नो मला. -वृद्धरसालवृक्ष. चक्रमण्डलिन् पुं. (चक्रमिव मण्डलोऽस्त्यस्य इनि) | चक्रला स्त्री. (चक्र लाति ला+क) मे तनी भोथ, અજગર નામનો સાપ. નાગરમોથ, ઉચ્ચટા. चक्रमण्डलिनी स्त्री. (चक्रमण्डलिन्+ङीप्) १४॥२ | चक्रलिप्ता स्त्री. शशिभंनो ४८॥३५. अ. भा. सा५९. चक्रवत् त्रि. पुं. (चक्रमस्त्यस्य मतुप् मस्य वः) यवाणु, चक्रमन्द पुं. ते नामनो में. ना. पैiवाणु, गो. भारवाणु, विष्णु, दुभार, घांधी, चक्रमर्द, चक्रमर्दक पुं. (चक्रं चक्राकारं दद्रुरोगं मृनाति । ते नमनो. . पर्वत, यवता २०%. (अव्य.) मृद्+अण, चक्र+मृद्+ण्वुल्) Qual, वृक्ष - यी . ४, पैडiनी. म ६२नी. ना२ ४३ छ चक्रमर्द प्रपुनाटो दद्रुघ्नो चक्रवर्तिता स्त्री., चक्रवर्तित्व न. (चक्रवर्तिनो भावः मेषलोचनः-भावप्र० । तल्-त्व) यवतluj. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 ... 838