Book Title: Shabdaratnamahodadhi Part 2
Author(s): Muktivijay, Ambalal P Shah
Publisher: Vijaynitisurishwarji Jain Pustakalaya Trust Ahmedabad

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Page 11
________________ ८१८ ऋषि. शब्दरत्नमहोदधिः। [चक्रक-चक्रपाणि तनु दूस, घiयान.Eng, तंत्रशत्र प्रसिद्ध ५४, चक्रदन्तीबीज न. नेपानी४. સર્વતોભદ્ર વગેરે યંત્ર, દેવપૂજાનું યંત્ર, અલંકાર પ્રસિદ્ધ चक्रदेव पुं. ते नमानी से. या६व. २0%1. सभ: ५.८२नो व्यवंध, प्रहार, भा२, 2. तनो । चक्रद्वार पुं. (चक्रमिव द्वारमत्र) तनामनी मे. पर्वत. पुट. चक्रधनुस् पुं. सूर्यथी. उत्पन्न थयेल पिस नामना . चक्रक पुं. (चक्रमिव कायति कै+क) 9.5 प्रश्नो તર્ક - આ તર્ક ઉત્પત્તિ, સ્થિતિ, જ્ઞપ્તિ દ્વારા ત્રણ चक्रधर पुं. त्रि. (चक्रं धरति धृ+अच्/चक्रं धारयति ५२. डोय. छ - तदपेक्षापेक्ष्यपेक्षितत्वनिबन्धनो- धृ + अच्) या विष्णु -विगाहितुं श्रीमहिमानुरूपं ऽनिष्टप्रसङ्गः ।। ते नमानी छ 25131२ ६२नो. प्रचक्रमे चक्रधरप्रभावः -रघु० १६।५५ । मामा रोग, मानसितत्व ગામને યજ્ઞ કરાવનાર યાજ્ઞિક, સર્પ, ચક્ર ધારણ चक्रकारक न. (चक्रं चक्राकाररेखां वा करोति कृ+ण्वुल्) કરનાર રાજા વગેરે. न५, वाचन नामनु, सुगंधी द्रव्य, नसो तथा | चक्रधर्मन् पुं. ते. नामना . विद्याध२. નખલી નામે વનસ્પતિ. चक्रधारण न. (चक्रं धार्यतेऽनेन धारि+करणे ल्युट) चक्रकुल्या स्त्री. (चक्रस्य तदाकारस्य कुल्येव) यित्र५७|| २थनी. घरी. નામની વનસ્પતિ. चक्रधारा स्त्री. (चक्रस्य धारा) यॐनी घार, यो चक्रगज पुं. (चक्रे चक्राकारे दद्रुरोगे गज इव) यमई- सयभाग. કુંવાડિયા, જેનાથી દાદરનો રોગ મટે છે. चक्रनख पुं. (चक्रमिव नखोऽस्त्यस्य अच्) नपाचक्रगण्डु पुं. (चक्रमिव गण्डुः) मे. .२र्नु, मोशी.ई, नमसी नामे. सुगंधी द्रव्य. ગાલ મશુરિયું. चक्रन(ण)दी स्त्री. (चक्रप्रधाना विष्णुचक्राविर्भवस्थानं चक्रगदाधर पुं. ५२मेश्वर, विष्व. -मनस्तत्त्वात्मकं नदी वा णत्वम्) is. नाम.नी. नही.. चक्रं बुद्धितत्त्वात्मिकां गदाम् । धारयन् लोकरक्षार्थं । चक्रनाभि पुं. (चक्रस्य नाभिः) भi पै.iना जा गुप्तश्चक्रगदाधरः ।। આરા રહે છે તે પૈડાંનો મધ્ય ભાગ. चक्रगुच्छ पुं. (चक्रमिव गुच्छोऽस्य) मासोपासवान | चक्रनामन् पुं. (चक्रान्नाम यस्य) माक्षि धातु, 2.5405 ५क्षी, यवो. चक्रचर त्रि. (चक्रेण संघशश्चरति चर्+ट) टोni३५ चक्रनायक पुं. (चक्रं तदाकारं नयति नी+ण्वुल्) ३२२ थी, ५६. 47३. નખલા-નખલી નામનું સુગંધી દ્રવ્ય. चक्रचारिन् पुं. (चक्रेण चरति चर्+णिनि) २५, २॥ई, चक्रनेमि पुं. (चक्रस्य नेमिः) पै.iनी घेरावी, पै.il. परिशघ, पैनो भारी - नीचैर्गच्छत्युपरि च दृशा चक्रजीवक पुं. (चक्रेण कुम्भसाधनचक्रेण जीवति चक्रनेमिक्रमेण -मेघ० १०९ । जीव्+ण्वुल्) कुंभार. चक्रपद्माट पुं. (चक्रः चक्राकारो दद्रुरोगः पद्ममिव चक्रजीविन् पुं. (चक्रेण जीवति जीव्+णिनि) कुंभार. । तत्राटति अच्) ६६२नो ना ४२२ दुवाउयानु चक्रजीविनी स्त्री. (चक्रजीविन्+डीप) दुभा२९॥.. चक्रतीर्थ न. (चक्रेण सुदर्शनक्षालनेन कृतं तीर्थम्) | चक्रपद न. ते२ अक्षरना ५६वाय ते नमनी में પ્રભાસક્ષેત્રમાં આવેલ વિષ્ણુનું એક તીર્થ. छह. चक्रतैल न. (चक्रस्य तत्फलस्य तैलम्) यम युवालिया | चक्रपरिव्याध पुं. (चक्रं दद्रुरोगं परिविध्यति નામના વૃક્ષના ફળનું તેલ. परि+व्यध्+ण) २भागी, दुवाउिया. चक्रदंष्ट्र पुं. (चक्रमिव दंष्ट्रा यस्य) मूंड, २, | चक्रपर्णी स्त्री. (चक्रमिव पर्णमस्याः ङीप्) पृ.श्री.५७ सुवर. वृक्ष. चक्रदत्त पुं. 24 नमन वैधेमनावको ते. नमन चक्रपाणि पुं. (चक्रं पाणावस्य) वि.] -प्रायेण निष्क्रामति એક વૈદ્યકશાસ્ત્રનો ગ્રંથ. चक्रपाणी -शि०, वैकुण्ठश्चाच्युतो रामश्चक्रपाणिचक्रदन्ती स्त्री. हन्त नामर्नु वृक्ष, ने..uk, 3. | रधोऽक्षजः - विष्णोरष्टोत्तरनामकीर्तने । 13. वृक्ष. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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