Book Title: Savruttik Aagam Sootraani 1 Part 15 Rajprashniya Mool evam Vrutti
Author(s): Anandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Vardhaman Jain Agam Mandir Samstha Palitana

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Page 9
________________ मूलाका: ४३+३० राजप्रश्नीय (उपांग) सूत्रस्य विषयानुक्रम दीप-अनुक्रमा: ७ मूलांक: विषय: पृष्ठाक: मुलांक: विषय: पृष्ठांक: ०१-४७ |४८-८५ २३८ ०१० ०१० ०३६ सूर्याभदेव-प्रकरणं -आमलकल्पा नगरी -सूर्याभदेवस्य विमान, सभा, पर्षदा, भगवद वंदन, -दिव्यविमान विकुर्वणा, नृत्य -सिध्धायतन: एवं... ...जिनप्रतिमा-अधिकार: प्रदेशिराजन्-प्रकरणं -सूर्यकान्तादेवी, श्रावस्तीनगरी -केशिकुमारस्य धर्मदेशना, -प्रदेशीराज्ञ:...... .....केशिकुमार सार्धं धर्म-वार्ता -प्रदेशिराजस्य समाधिमरणं -सूर्याभविमाने उत्पत्ति: पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित..आगमसूत्र- [१३], उपांगसूत्र- [२] "राजप्रश्नीय" मूलं एवं मलयगिरि-प्रणीता वृत्ति:

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