Book Title: Sarva Mangal Manglyam
Author(s): Padmaratnasagar
Publisher: Padmaratnasagarji

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Page 10
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नमस्कार महामंत्र - १ नमो अरिहंताणं नमो सिद्धाणं नमो आयरियाणं नमो उवज्झायाणं नमो लोए सवसाहूणं एसो पंच नमुक्कारो सध्वपावप्पणासणो मंगलाणं च सव्वेसिं पढम हवई मंगलं - उवसग्गहरं स्तोत्र - २ उपसग्गहरं पासं, पासं वंदामि कम्म-घण-मुक्कं; विसहर-विस-निन्नासं, मंगल-कल्लाण-आवासं विसहर-फुलिंग-मंतं, कंटे धारेई जो सया मणुओ; तस्स गह-रोग-मारी, दुट्ठजरा जति उवणाम चिट्ठउ दूरे मंतो, तुज्झ पणामो वि बहुफलो होई: नरतिरिएसु वि जीवा, पावंति न दुक्ख दोगच्चं or m x 5 w go १ २ For Private And Personal Use Only

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