Book Title: Sarva Mangal Manglyam
Author(s): Padmaratnasagar
Publisher: Padmaratnasagarji

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Page 12
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org जक्खा गोमुह महजक्ख, तिमुह जक्खेस तुंबरू कुसुमो मायंग-विजय-अजिया, बंभां मणुओ सुरकुमारोअ छम्मुह पयाल किन्नर, गरूलो गंधव्व तहय जक्खिदो; कूबर वरुणो भिउडी, गोभेहो पास मायंगा Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ४ For Private And Personal Use Only 4 देवीओ चक्केसरि, अजिया दुरिआरि काली महाकाली, अच्चुअ संता जाला, सुतारया-सोय सिरिवच्छा चंडाविजयंकुसि पन्नइत्ति निव्वाणि अच्चुआ धरणी; वईरूट्ट - छुत्त-गंधारि अंव पउमावई सिद्धा ईअतित्थ - रक्खणरया, अन्नेविसुरासुरी य चउहावि; वंतर जोईणि पमुहा, कुणंतु रक्खं राया अम्हं एवं सुदिट्ठि सुरगण, राहिओ संघस्स संति जिणचंदो; मज्झवि करेउ रक्खं, मुणिसुंदरसूरि थुअ-महिमा ईअ संतिनाह सम्म - दिट्ठि, रक्खं सरई तिकालं जो; सव्वोवद्दव - रहिओ, स लहई सुहसंपयं परमं तवगच्छ गयण - दिणयर, जुगवर - सिरिसोमसुंदर गुरूणं; सुपसाय-लद्ध-गणहर, विज्जासिद्धी भणई सीसो १३ ८ ९ १० ११ १२ १४

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