Book Title: Sanskrit Vyakaran Shastra ka Itihas 01
Author(s): Yudhishthir Mimansak
Publisher: Yudhishthir Mimansak

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Page 756
________________ प्राचार्य पाणिनि से अर्वाचीन वैयाकरण ७१६ २-प्रदीपकार (सं० १५२० वि० से पूर्व) विट्ठल ने प्रक्रियाकौमुदी-प्रसाद (भाग २, पृष्ठ १०२) में मुग्धबोध प्रदीप नाम्नी किसी व्याख्या को उद्धृत किया है। यह व्याख्या नन्द किशोर कृत है अथवा अन्य कृत, यह अज्ञात है । यदि अन्यकृत हो, तो इसका काल सं०. १५२० से पूर्व होगा क्योंकि विट्ठल ने प्रक्रियाकौमुदी की प्रसाद टीका सं० १५२० के लगभग लिखी थी। यह पूर्व (पृष्ठ ५६२-५६३) लिख चुके हैं। ३-रामानन्द ४-देवीदास चक्रवर्ती ५-काशीश्वर ६-विद्यावागीश ७-रामभद्र विद्यालङ्कार ८-भोलानाथ इन टीकाकारों का उल्लेख दुर्गादास ने अपनी मुग्धबोध की टीका १० में किया है, ऐसा डा० बेल्वाल्कर ने 'सिटस्म्स् आफ संस्कृत ग्रामर' (पैरा ८४) में लिखा है। ___ इन में रामानन्द देवीदास रामभद्र और भोलानाथ की व्याख्याओं के हस्तलेख इण्डिया आफिस लन्दन के हस्तलेख-संग्रह में विद्यमान हैं। द्र०-सूचीपत्र हस्तलेख संख्या क्रमशः ८५२, ८५१, १५ ८६१, ८७० । उक्त सूचीपत्र में भोलानाथ की टीका का नाम सन्दर्भामततोषिणी लिखा है। रामभद्र ही संम्भवतः रामचन्द्रतर्कालं. कार है । इस की टीका का नाम प्रबोध है । -विद्यानिवास (सं० १६४५) विद्यानिवास कृत मुग्धबोध टीका का उल्लेख दुर्गादास ने प्रारम्भ २० में ही नामोल्लेखपूर्वक किया है। डा० बेल्वाल्कर ने इस नाम का निर्देश क्यों नहीं किया, यह अज्ञात हैं। १०-दुर्गादास विद्यावागीश (सं० १६६६ वि०).. ___ दुर्गादास विद्यावागीश की सुबोधा टीका प्रसिद्ध है । दुर्गादास के पिता का नाम वासुदेव सार्वभौम भट्टाचार्य है । डा० बेल्वाल्कर ने २५ दुर्गादास का काल ई० सन् १६३६ (वि० सं० १६९६) लिखा है। ____इन के अतिरिक्त इण्डिया आफिस के सूचीपत्र में निम्न व्याख्याकारों के हस्तलेख और विद्यमान हैं नाम टीकाकार काल.. टीकाकानाम हस्तलेखसंख्या ११-श्रीरामशर्मा... ? .... ? ८५३ ३० ।

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