Book Title: Sanskrit Vyakaran Shastra ka Itihas 01
Author(s): Yudhishthir Mimansak
Publisher: Yudhishthir Mimansak

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Page 768
________________ (७) मीमांसक। ८६. भागवत-खण्डनम्-ऋ० द० की प्रथम कृति । अनु० युधिष्ठिर मूल्य ३-०० ८७. ऋषि दयानन्द के शास्त्रार्थ और प्रवचन- इस में पौराणिक विद्वानों तथा ईसाई मुसलमानों के साथ ऋषि दयानन्द के अत्यन्त प्रामाणिक एवं महत्त्वपूर्ण शास्त्रार्थ दिये गये हैं। अनन्तर पूना में सन् १८७५ तथा बम्बई में सन १८८२ में दिए गए व्याख्यानों का संग्रह है। इस संस्करण से पूर्व के छपे पूना के व्याख्यानों में अनुवादकों ने मन माना घटाया-बढ़ाया है। हमने सन् १८७५ में व्यारयान काल में छपे हुए मूल मराठी भाषा में प्रकाशित ट्रैक्टों के अनुसार नया प्रामाणिक अनुवाद दिया है । बम्बई के २४ प्रवचनों का सारांश तो इसमें प्रथम वार प्रकाशित हुआ है। साथ में ८-१० विशिष्ट परिशिष्ट दिये हैं । सुन्दर सुदृढ़ कागज, पूरे कपड़े की सुन्दर जिल्द, मूल्य लागत-मात्र ३०-०० ८८. दयानन्द-शास्त्रार्थ-संग्रह-संख्या ८७ के ग्रन्थ से पृथक स्वतन्त्र रूप से छपा है । सं० डा० भवानीलाल भारतीय । सस्ता संस्करण १०-०० ८६. दयानन्द-प्रवचन-संग्रह- (पूना-बम्बई-प्रवचन)। पूर्ववत् स्वतन्त्र रूप में छपा है । अनुवादक और सम्पादक पं० युधिष्ठिर मीमांसक । सस्ता संस्करण। मूल्यं १००० ____०. ऋषि दयानन्द सरस्वती के ग्रन्थों का इतिहास-लेखक-युधिष्ठिर मामांसक । नया परिशोधित परिवर्धित संस्करण। मूल्य ४०-०० ६१. ऋषि दयानन्द और आर्यसमाज से सम्बन्ध कतिपय महत्त्वपूर्ण अभिलेख-इसमें ऋ०द० के नये उपलब्ध पत्र,बम्बई आर्यसमाज के आदिम २८ नियमों की ऋ० द० कृत व्याख्या पं० गोपालराव हरि देशमुख लिहित दयानन्दचरित मराठी का हिन्दी रूपान्तर, आर्यसमाज काकड़वाड़ी बम्बई की पुरानी गुजराती में लिखित कार्यवाही (सन् १८८२ में जब ऋ० द० बम्बई में थे) का हिन्दी रूपान्तर आदि । _ . मूल्य ८-०० ६२. व्यवहारभानु- ऋषि दयानन्द कृत। १-०० ६३. पार्योद्देश्यरत्नमाला-ऋषि दयानन्द कृत। ६४. अष्टोत्तरशतनाममालिका -सत्यार्थप्रकाश के प्रथम समुल्लास की सुन्दर प्रामाणिक विस्तृत व्याख्या । लेखक पं० विद्यासागर शास्त्री। ६-०० ०-५०

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