Book Title: Samaysara
Author(s): Kundkundacharya, Himmatlal Jethalal Shah
Publisher: Digambar Jain Swadhyay Mandir Trust

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Page 667
________________ Version 002: remember to check http://www.AtmaDharma.com for updates ગાથાસૂચી ૬૩૩ गाथ | पृष्ठ गाथ | पृष्ठ कम्मं जं सुहमसुहं कम्मं णाणं ण हवदि कम्मं पडुच्च कत्ता कम्मं बद्धमबद्धं कम्ममसुहं कुसीलं कम्मस्सा भावेण य कम्मस्स य परिणाम | कम्मस्सुदयं जीवं कम्मे णोकम्मम्हि य कम्मेहि द् अण्णाणी कम्मेहि भमाडिज्जदि कम्मेहि सहाविज्जदि कम्मोदएण जीवा कम्मोदएण जीवा कम्मोदएण जीवा कह सो धिप्पदि अप्पा कालो णाणं ण हवदि | केहिंचि दु पज्जएहिं | केहिंचि दु पज्जएहिं | को णाम भणिज्ज बुहो को णाम भणिज्ज बुहो कोहाइसु वटुंतस्स कोहुवजुत्तो कोहो ३८४ | ५३३ | छिंददि भिंददि य तहा ।२४३ | ३७३ ३९७ | ५६८ | छिज्जद् वा भिज्जद् वा | २०९ । ३२९ ३११ | ४५७ । ज । १४२ | २१५ १४५ | २३६ | जं कुणदि भावमादा । ९१ | १६५ १९२ | २९७ | जंकणदि भावमादा १२६ | २०२ | ७५ | १४१ | जं भावं सुहमसुहं | १०२ | ४१ / ८७ | जं सुहमसुहमुदिण्णं ३८५ | ५३३ १९ । ५२ | जइ जीवेण सह च्चिय |१३७ | २१२ ३३२ | ४७९ | जइ ण वि कणदि च्छेदं | २८९ | ४२५ ३३४ | ४८० | जइया इमेण जीवेण | ७१ | १३२ ३३३ | ४८० | जइया स एव संखो | २२२ | ३४३ २५४ | ३८४ | जदि जीवो ण सरीर २६ । ६१ | २५५ । ३८४ | जदि पुग्गलकम्ममिण । ८५ | १५५ २५६ | ३८४ | जदि सो परदव्वाणि य । ९९ | १८० २९६ । ४३४ । जदि सो पग्गलदव्वी २५ । ५८ ४०० | ५६८ जम्हा कम्मं कुव्वदि ३३५ ४८० ३४५ | ४९१ | जम्हा घादेदि परं ३३८ ४८० ३४६ | ४९१ | जम्हा जाणदि णिच्चं । ४०३ । ५६९ २०७ | ३३७ | जम्हा दु अत्तभावं | ८६ | १५६ ३०० | ४४१ | जम्हा दु जहण्णादो | १७१ | २७० ७० | १३० | जदा विमुंचए चेया । ३१५ । | ४६१ १२५ । २०० । | जह कणयमग्गितवियं | १८४ । | २९० जह को वि णरो जंपद। ३२५ | ४७२ ६० | ११२ जह चेटुं कुव्वंतो ३५५ । ४९७ ३९४ | ५६७ । जह जीवस्स | अणण्णुवओगो ११२ | १९२ । जह ण वि सक्कमणज्जो । ८ । १९ | जह णाम को वि पुरिसो | १७ | ४९ | १७० | २६९ | जह णाम को वि पुरिसो | ३५ । ७५ १६३ | २५५ | जह णाम को वि पुरिसो | १४८ | २४१ | ३१२ । ४५९ |जह णाम को वि पूरिसो | २३७ । ३६९ | जह णाम को वि पुरिसो | २८८ | ४२५ जह परदव्वं सेडदि ३६१ | ५०३ | २३८ | ३६९ | जह परदव्वं सेडदि | ३६२ | ५०३ । शादा गंधरसफासरूवा गंधो णाणं ण हवदि | गुणसण्णिदा दु एदे च चउविह अणेयभेयं चारितपडिणिबद्धं चेदा दु पयडीअटुं | छिंददि भिंददि य तहा Please inform us of any errors on rajesh@AtmaDharma.com

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