Book Title: Sahitya Darpan kosha
Author(s): Ramankumar Sharma
Publisher: Vidyanidhi Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 2
________________ (iii) शुभाशंसा डा० रमण कुमार शर्मा द्वारा तैयार किये गये साहित्यदर्पणकोश को मैंने स्थालीपुलाकन्याय से देखा है जो बड़े ही परिश्रम एवं लग्न से तैयार किया गया है। साहित्यदर्पण में प्रयुक्त सम्पूर्ण पारिभाषिक पदावली को लेकर उसका परिचयात्मक विवरण अत्यन्त संक्षेप में दिया गया है जो उस पारिभाषिक तत्त्व के स्वरूप को तो स्पष्ट करता ही है, उसके उस अर्थ में रूढ़ होने के रहस्य का भी उद्घाटन करता है। साहित्यदर्पण एक ऐसा शास्त्रीय ग्रन्थ है जिसमें ई० पू० के नाट्यशास्त्र से लेकर कविराज विश्वनाथ के काल चौदहवीं शताब्दी तक विकसित एवं व्यवहार में आने वाली निखिल पारिभाषिक पदावली का प्रयोग हुआ है, चाहे वह दृश्यकाव्यविषयक हो अथवा श्रव्यकाव्यविषयक । डा० शर्मा ने उसे वर्णानुक्रम से व्यवस्थित कर जो यह कोश तैयार किया है वह साहित्यशास्त्र के छात्रों एवम् अध्यापकों के लिए परम उपादेय है। मेरा विश्वास है कि इससे उभयवर्ग लाभान्वित होगा तथा इस कोश का उपयोग साहित्यशास्त्र पर किये जाने वाले शोधकार्य में भी उपयोगी सिद्ध होगा। इस उत्तम कार्य के लिए डा० शर्मा साधुवाद के पात्र हैं तथा इनका यह कोश सर्वथा अभ्यर्हणीय है। रामनवमी, संवत् 2053 प्रो० व्रजमोहन चतुर्वेदी, पूर्व अध्यक्ष, संस्कृतविभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली |

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 ... 233