Book Title: Sagai Karne Pahele
Author(s): Priyam
Publisher: Ashapuran Parshwanath Jain Gyanbhandar

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Page 10
________________ रही। दस दिनों के बाद वे मुझे कहीं मेडिकल चैकअप के लिये ले गये। वहाँ मुझे बेहोश कर दिया गया और जब मुझे होश आया तो... मानसी दो बार गर्भपात हो चुका है, जिस कारण मेरे शरीर में जो कोम्प्लीकेशन्स हुए है, वे मुझे जीवन भर दर्द देते रहेंगे। अब वो बात-बात में डिवोर्स तलाक देने की बात करते हैं। उनके व्यसनों के कारण उनका व्यापार भी टूट गया है। एक के बाद एक मेरे सारे गहने भी उन्होंने बेच दिये हैं और अपने मायके से पैसा लाने का दबाव और अत्याचार मुझ पर करते रहते हैं। कोई भी दिन ऐसा नहीं गया है जिस दिन मैं रोई नहीं हूँ और आत्महत्या करने का विचार न किया हो । मानसी, धूल पडे इस आधुनिक कल्चर पर, इस सिनेमा, टी. वी., विडियो और इन्टरनेट पर.. यह सब कुछ जल कर खाक हो जाना चाहिए। मेरे जैसी कितनी ही अभागन स्त्रियों का जीवन इन्होंने बरबाद कर दिया है। मैं जिसे फैशन या न्यू जनरेशन समझती थी, वो सब कितना होरिबल है। कितना गंदा, डर्टी... घृणास्पद है। मैं बरबाद हो गई... मेरा सारा जीवन बरबाद हो गया। मानसी, आज चाहे तू वर्षों बाद मुझे मिली, लेकिन तेरे शब्द मुझे हजारों बार याद आते रहे, जो अपने धर्म के प्रति वफादार हो... मानसी, आज मुझे सामायिक की किमत समझ में आई है। आज मुझे पूजा, प्रतिक्रमण और तिलक का महत्त्व समझ में आया है। आज मुझे समझ में आया है कि संस्कारों और तत्त्वज्ञान की जीवन में कितनी आवश्यकता है! का...श... मैने उस समय तेरी... कुछ पलों के लिए मौन छा गया। रिया अब बात बदलना चाहती थी । उसने धीमी आवाज में पूछा, "तुम कैसी हो?” और मानसी के चेहरे पर प्रसन्नता की मुस्कान फैल गई। इस समय अपने सुखी संसार की बात शायद रिया के दुःख को बढ़ा सकती है, ऐसा मानसी को अंदाज था, इसलिए वह चुप रही लेकिन उसका चेहरा ही सब कुछ कह रहा था। तभी दरवाजे की घंटी बजी। मानसी ने दरवाजा खोला और एक मधुर मुस्कान के साथ आनेवाले का स्वागत किया। आनेवाले व्यक्ति को देख रिया की आँखों में एक भूतकाल घूम गया। अपनी मित्र के साथी को वह पहचान गई थी। आज चौदश होने के कारण वे घर जलदी आ गये थे। ૧૩ Before You Get Engaged मार्डन या ओर्थोडोक्स.... तुम्हारी इच्छा "लेकिन जो लड़की मुझे पसंद आई है मैं उसके साथ शादी नहीं करूंगा तो क्या जो न पसंद हो उसके साथ करूँगा ? तू भी कैसी बात करता है।" “देख, वीकी, मैं तुझे पहचानता हूँ, और उस को भी जानता हूँ। वह तुझे क्यों पसंद है, मुझे ये भी मालूम है। उसका लाइफस्टाईल एकदम बिंदास, आजाद है। और कई तरह से स्वतंत्र भी, तू शायद उसके लिए "बोल्ड' शब्द का उपयोग करता होगा। पोशाक के बारे में वह बोल्ड है, हँसने-बोलने में बोल्ड है, दिन हो या रात, घूमने फिरने के बारे में बोल्ड है वगैरह-वगैरह... वीकी, इस लड़की के लिए मेरे मन में कोई भी दुर्भावना नहीं है। मैं जो कहता हूँ वो तेरे भविष्य के लिये उपयोगी है। मैंने कई बार तुझे उसको एकटक निहारते हुए देखा है। तुझे वो अधिक एक्टीव लगती होगी, लेकिन हकीकत में वह दूसरी लड़कियों की अपेक्षा कुछ ज्यादा ही तेज है ऐसा नहीं हैं, यह तो वैस्टर्न पेटर्न ड्रेस का प्रभाव है। जब कि जो सुंदरता अन्य संस्कारी लड़कियों में है, उस से अधिक इस लड़की में कुछ खास नहीं है, इसके विपरीत एक बहुत बडा माइनस पोईन्ट है कि लाजशर्म को बिल्कुल त्याग कर रस्ते चलते आली - मवाली, वाहियात लोगों को भी अपनी तरफ बुरी नज़र से देखने का इनडायरेक्ट आमंत्रण देती है। वीकी, मैं तुझे 'लेडिज वर्ल्ड' का टोप सिकरेट बताता हूँ। स्त्री की कोई पहली पहचान अथवा तो गुण हो तो वो है लज्जा । वह लज्जा से ही शोभायमान लगती है, लज्जा ही उसकी शोभा होती है, वह लज्जा से ही जीती है। ये जो बोल्डनेस कहलाई जाती है, वह स्त्रीत्व की शमशान यात्रा है और इससे ज्यादा कुछ भी नहीं है। आजकल तलाक के केस बढ़ते जा रहे हैं। शादीशुदा जीवन नो लास्टींग होता जा रहा है। इन सब का कारण एक यही मात्र है। शादी पुरुष और स्त्री ही टिक सकती है, दो पुरुषों की नहीं। यदि यह रिश्ता टिकता है, तो भी वह 'मेरिड लाईफ' नहीं होती है लेकिन 'वोर लाइफ' होती है फिर चाहे वह आप सगाई करें उससे पहले 綠 ૧૮

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