Book Title: Sagai Karne Pahele
Author(s): Priyam
Publisher: Ashapuran Parshwanath Jain Gyanbhandar

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Page 14
________________ बात का खयाल मुझे आ गया। मेरा क्रोध सारी बाऊन्ड्री पार कर गया। मैं रोता था, जीते जी सुलग रहा था, गालियाँ बोलने लगा, इतना ही नहीं, हाथ में जो आ उसे उठा कर फेंकने लगा। मुझे तेजी से एक के बाद एक भयानक खयाल आने लगे... त्विषा का ऐसा एक ही यार होगा कि और भी होंगे ?... वह कितने जनों की At time Money (ATM) होगी ? ... खून पसीना एक के मैं कमाता हूँ, ये इस लिये ? मैं उसे इतना चाहता हूँ, और उसने मेरे साथ... उसका यार अब क्या करना चाहता है ?... सनी, मैंने इस बारे में जो-जो भी विचार किए वो सब तुझे कह भी नहीं सकता हूँ। आखिर में मैं एक निश्चय पर पहुँचा कि त्विषा को खत्म कर डालूँ और फिर मैं खुद भी आत्महत्या कर लूँ। तभी फिर एक विचार आया, कि क्यों न मैं तुझ से बात करूं, तेरी सलाह लूँ? तू मुझे बतायेगा कि अब इस में क्या हो सकता है?" टाऊन होल के पीछले भाग में अंधेरा बढ़ रहा है, और सनी यही सोच रहा है कि अब क्या हो सकता है ??? जीवन भी एक मेच ही है, यहा जो बोल्ड होती है वह बेटिंग नहीं कर सकती । ૨૫ Before You Get Engaged * Stop, Watch & Go “अभि, जिस लड़की से तेरे रिश्ते की बात आगे चलने वाली है उस लड़की के परिवारने किसी जान पहचान से तेरे पापा के साथ सम्पर्क किया था ? या फिर अखबार का विज्ञापन देख कर...?" "विज्ञापन देख कर।" "अगर तू मेरी बात मानता है तो इस बात को वहीं का वहीं रोक दे । मैंने तेरे बारे में विज्ञापन पढा था। इस विज्ञापन से तो सिर्फ एक ही अर्थ सामने आता था कि उसे पढ़ कर जो तुझ में रुचि ले, वह लड़की तेरे लिए अच्छी नहीं है।" "यश, तू क्या बोल रहा है इस बात की तुझे खबर है ? " “हाँ, बहुत अच्छी तरह से जानता हूँ। वह लड़की मल्टीनेशनल कंपनी का छ लाख का पैकेज, डिलक्स फ्लैट और सेन्ट्रो कार की सम्पति देख कर विवाह करेगी, वह तुझ से नहीं लेकिन तेरी सम्पत्ति से विवाह करेगी। उससे विवाह करके तू सुखी होगा इस बात में कोई दम नहीं है। हकीकत तो ये है कि ऐसी एड-विज्ञापन दे कर तूने बहुत बड़ी भूल की है। हकीकत में तो तुझे तेरी गुणात्मक योग्यता बतानी चाहिए थी और सामने वाले पक्ष से भी उसी योग्यता का आग्रह रखना चाहिए था, इस तरह तुम्हारा रिश्ता जुड़ता तो तुम्हारा जीवन भर का उस में हित था।" 'देख यश, लोग सिर्फ यही एक योग्यता समझते हैं, और उनके साथ दूसरी किसी भाषा में बात करने का कोई अर्थ नहीं है।' “अभि, तू ? वेल्कम । कितने दिनों के बाद आया है? हैं... तुझे तो सारी दुनिया में यहाँ से वहाँ उडान भरनी होती है न ? फिर तू आयेगा कैसे ? आ.... बैठ | देख तो कौन आया है... अपने महंगे महेमान है.. मेरा बैस्ट फ्रैन्ड... सारे साल का ब्याज उतार देना है... फिर कब आयेगा, इसका भरोसा नही।" "यश, मैं एक खास काम से आया हूँ, हम जरा अंदर बैठे ?” आप सगाई करें उससे पहले ૨૬

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