Book Title: Saddharma sanrakshaka Muni Buddhivijayji Buteraiji Maharaj ka Jivan Vruttant
Author(s): Hiralal Duggad
Publisher: Bhadrankaroday Shikshan Trust

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Page 212
________________ २०४ सद्धर्मसंरक्षक नगर विवरण परिवर्तन (१२) नकोदर श्रीधर्मनाथ जिन मंदिर विद्यमान है। (१३) जगरावां एक जिन मंदिर था। यहाँ की प्रतिमायें लुधियाना के मंदिर में आ गई है। (१४) बंगिया श्रीपार्श्वनाथ का मंदिर अब नहीं है। (१५) नादौन जिनमंदिर था। अब नहीं है। (१६) गोपीपुर श्रीमहावीर मंदिर अब नहीं है। (१७) कोठरी गांव श्रीपार्श्वनाथ मंदिर अब नहीं है। (१८) कोठीपुर श्रीमहावीर मंदिर अब नहीं है। (१९) मालेरकोटला श्रीपार्श्वनाथ मंदिर विद्यमान है। (२०) होशियारपुर श्रीपार्श्वनाथ मंदिर विद्यमान है। x (२१) कालाबाग श्रीअभिनन्दननाथ का विद्यमान है। मंदिर x (२२) लतम्बर श्रीपार्श्वनाथ का मंदिर विद्यमान है। x (२३) भेरा श्रीचन्द्रप्रभु का मंदिर विद्यमान है। x (२४) डेरागाजिखाँ श्रीऋषभदेव का मंदिर विद्यमान है। (२५) मयानी श्रीशांतिनाथ मंदिर विद्यमान है। x (२६) लाहौर के श्रीजिनमंदिर इसकी प्रतिमा विद्यमान किले में (२७) राहों श्रीपार्श्वनाथ का मंदिर स्थानक में परिवर्तन हो (२८) श्रीहस्तिनापुर अनेक अति प्राचीन जिन मात्र एक जिन मंदिर मंदिर और स्तूप थे। तथा एक स्तूप है। x (२९) पिंडदादनखाँ श्रीसुमतिनाथ का मंदिर जीर्णोद्धार होकर श्रीबूटेरायजी द्वारा पुनः प्रतिष्ठा । Shrenik/DIA-SHILCHANDRASURI / Hindi Book (07-10-2013) 1(1st-11-10-2013) (2nd-22-10-2013) p6.5 [204]

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