Book Title: Sachitra Tirthankar Charitra Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana Publisher: Padma Prakashan View full book textPage 7
________________ प्रकाशकीय ध्वजा कुम्भ पद्म सरोवर सचित्र आगम प्रकाशन की योजना के अन्तर्गत इस वर्ष हमने सचित्र कल्पसूत्र का प्रकाशन किया है। इसी के साथ सचित्र तीर्थकर चरित्र का सुन्दर मनोहारी प्रकाशन भी पाठकों के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र बनेगा। ___ हमारी संस्था का मुख्य उद्देश्य है-जन-कल्याणकारी, उपयोगी और महत्त्वपूर्ण साहित्य का प्रकाशन। प्रकाशन की कड़ी में सचित्र उत्तराध्ययन सूत्र, सचित्र अन्तकृद्दशा सूत्र अपने आप में अनूठे हैं और सर्वत्र प्रशंसित हुए हैं। अन्य भी अनेक उपयोगी प्रकाशन संस्था के द्वारा किये जा रहे हैं। साथ ही जन-सेवा, सन्त-सेवा आदि के कार्यों में भी संस्था सक्रिय है। ____ हम पूज्य गुरुदेव उ. भा. प्रवर्तक भण्डारी श्री पद्मचन्द्र जी म. तथा उपप्रवर्तक, प्रवचन केशरी गुरुदेव श्री अमर मुनि जी म. के विशेष कृतज्ञ हैं, जिनकी प्रेरणा, प्रोत्साहन और मार्गदर्शन से हम संस्था के माध्यम से अनेक लोकोपकारी कार्य कर रहे हैं। __सचित्र तीर्थंकर चरित्र के सम्पादक श्री श्रीचन्द जी सुराना 'सरस' धन्यवाद के पात्र हैं, जिन्होंने गुरुदेव श्री अमर मुनि जी के निर्देशन में बहुत ही सुन्दर और श्रम-पूर्ण सम्पादन किया है तथा श्री सुरेन्द्र जी बोथरा ने अंग्रेजी अनुवाद कर इसकी उपयोगिता को व्यापक बना दिया है। शास्त्र प्रकाशन के इस बहुत ही व्यय साध्य कार्य में गुरुजनों की कृपा के साथ ही उनकी प्रेरणा से भी अनेक कार्य सम्पन्न हो जाते हैं। उपप्रवर्तिनी महासती आज्ञावती जी, उपप्रवर्तिनी महासती स्वर्णकान्ता जी, उपप्रवर्तिनी महासती पवनकुमारी जी, तथा उपप्रवर्तिनी महासती डॉ. सरिता जी म. की विशेष प्रेरणा से जन-सहयोग प्राप्त हुआ है। हम पूज्यजनों के प्रति कृतज्ञ भाव से आशा करते हैं कि उनकी प्रेरणा का सम्बल इसी प्रकार हमें प्राप्त होता रहेगा। __गुरुदेव श्री अमर मुनि जी के होनहार शिष्य उदीयमान सन्त बालयोगी श्री तरुण मुनि जी तथा दीक्षा लेते ही १६ वर्ष की अवस्था में ३५ दिन का तप करने वाले तपस्वी श्री मनोज मुनि जी के दीक्षा समारोह पर प्राप्त सहयोग से भी इस प्रकाशन को सुलभ बनाया गया है। इसी के साथ गुरुदेवश्री के प्रति आस्था, भक्ति रखने वाले अनेक उदारमना सज्जनों ने शास्त्र-सेवा हेतु अपना योगदान दिया है, हम उन सवके प्रति हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित करते हैं। -महेन्द्रकुमार जैन अध्यक्ष विमानभवन राशि निर्धम आग्न मल्लि मुनिसुव्रत नमि अरिष्टनेमि। पाव महावीर Jaireducaturmernationazorum TOPTIVated Personarose my www.jainelibrary.orgPage Navigation
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