Book Title: Sachitra Tirthankar Charitra
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 16
________________ ऋषभ अजित सम्भव अभिनन्दन सुमति पद्मप्रभ K1 सिंह गज वृषभ A1 तीर्थंकर अरनाथ का अवतरण, चक्रवर्तीत्व, घातिकर्म क्षय कर कैवल्य, तथा निर्वाण प्राप्ति The states of descent, sovereignty, omniscience after destroying Ghatikarmas, and liberation of Tirthankar Arnath अर्हत् कुंथुनाथ का भोगमय जीवन, चक्रवर्तीत्व, कायोत्सर्ग तपश्चरण, तथा निर्हरण क्रिया The states of earlier birth, sovereignty, meditation, and passing away of Arhat Kunthunath s1 (अ) राजा मेघरथ का देहदान (a) Charity of his own flesh by king Meghrath (ब) ध्यानयोग मग्न राजा मेघरथ (b) Meghrath in deep meditation (स) चक्र के पीछे शान्तिनाथ की दिग्विजय यात्रा (c) Shantinath's war march following the Chakra (द) वन में ध्यानलीन अर्हत् शान्तिनाथ (d) Arhat Shantinath meditating in jungle G (अ) महारानी मंगलावती का न्याय (a) The justice of queen Mangalavati (ब) महारानी सुसीमा का पद्म शय्या पर सोने का दोहद (b) Queen Susima's desire to sleep on lotus bed (स) महाराज दृढरथ के शरीर के ताप को महारानी के स्पर्श से शान्ति (c) The relief to king Dridhrath by touch of his queen G2 (अ) राजा जितशत्रु दूसरों के समक्ष स्वयं को अजेय समझने लगे (a) King Jitshatru believing himself to be unconquerable (ब) अजितनाथ की ध्यान साधना (b) Ajitnath in meditation (स) राजा जितारि एवं सेनादेवी द्वारा नगरावलोकन (c) King Jitari and Sena Devi enjoying the view of the city (द) अयोध्या के प्रजाजन परस्पर अभिवादन करने लगे (d) Citizens of Ayodhya greeting one another R1 (अ) माता मरुदेवा का स्वप्न दर्शन (a) Dreams of mother Marudeva (ब) इन्द्र द्वारा जन्म महोत्सव (b) Indra celebrating the birth (स) इन्द्र के हाथ से इक्ष लेने के लिए बालक ऋषभ की उत्सुकता (c) Child Rishabh's eagerness to take sugar-cane held in Indra's hand (द) सुनन्दा एवं सुमंगला के साथ पाणिग्रहण (d) Marriage with Sunanda and Sumangala (य) प्रजा को कृषि कार्य का प्रशिक्षण (e) Teaching arts and crafts including farming to the public R2 प्रजाजनों द्वारा कमल पत्रों में जल भरकर ऋषभ का राज्याभिषेक। पीछे खड़े आशीर्वाद देते हैं-नाभिराजा एवं माता मरुदेवा Citizens annointing Rishabh pouring water from lotus leaves. Standing behind and blessing the first king are Nabhiraja and mother Marudeva R3 वस्त्राभूषण उतारकर ऋषभदेव का केश लुंचन। साथ में अनेक राजाओं द्वारा दीक्षा ग्रहण Rishabhdev pulling out his hair after shedding his dress and ornaments. Numerous kings following his path of renunciation R4 (अ) श्रेयांसकुमार द्वारा मेरु पर्वत को अमृत से धोने का स्वप्न (a) Shreyans Kumar dreaming of pouring nectar to clean mount Meru (ब) भगवान ऋषभदेव को इक्षुरस का दान (b) Giving sugar-cane juice to Rishabhdev as alms लक्ष्मी पुष्पमाला चन्द्र सूर्य (१४ ) विमल अनन्त धर्म शान्ति Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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