Book Title: Risht Samucchaya
Author(s): Durgadevacharya, A S Gopani
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan

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Page 244
________________ वज्ज वज्जिज्ज १७९. V वह वट्ट १६९. वथ ४३; १०९; १८१; १८२; १९९; २००. 'वस्थ १८९. ' वद्धमाण १५०. वयण २६; ३२; १३४; १४७; १६०:२२४. 'वयण २१:४४. वर° १४; १६. वरचुण्ण १७०. वरछाया ७१. वरजीय ७६,७७. वरतंय " १४४. वरतणु १३७. 'वररिट्ठ ६७. 'वरलिंग १४७. वरिट्ठ २५६. वरिस ४६; ४७; ९२११५ ११८ ११९ १५९. वरिस १०१. ' वरिस ४५; १०२; १५५. वसण ५. वसण ४. वसह १६७; १७७९२१०. वस६ ७८. 'वसह " १६३; १६६. 'वसह १९१; २०६२१७. "वसा' ९०; १२९. वह° २०७. वाइभ (ईभ ) ° २५७. वाउ ११. वागीश्वरी १८३. वाम १७५. वाम' १५६; १७४; १९५; २२५. वर्णानुक्रमसूची वामा १८२. वाय १०८. वायस २१३:२१७. 'वायस २०५. 'वार २२०. वारण २१२. वारा २०२. Jain Education International विअप्प ६. विअप्प १७. विकहा ११०. विक्खित्ता ७९. विच्छाय ४७. 'विणास ३६; ११९. विणासयर २१३. विदिय १८१. विदिसा ५१. विद्ध २२२;२३७. 'विद्धि° १८६. विबुह १६. विभूसा १९९. विमला ४३. 'वियप्प १४९. Vवि+यस विसइ २१. Vवि+लिज विलिजइ १२२. विलित्त १२३. 'विलेवण ४३. विवरण २०. बिस १०,२१६. विस २०५. विस ९. "बिसअ ८; १३. विसम १६१; १६२. "बिसहर १०. विसाहा २४७. विस्साम २६. वीरजिण १. वीस १२७; २४८; २५०. वीस' २४९. बेसा १९०. वेसा ५. सअ २११. सउण १७२. सउली १७३. "संकमण २३६. संख १८९. For Private & Personal Use Only 131 www.jainelibrary.org

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