Book Title: Risht Samucchaya
Author(s): Durgadevacharya, A S Gopani
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan

Previous | Next

Page 242
________________ मटपरत २३९. मट्टिया १७०. मडअ १२८. मडय १७८. मणुभ १२. 'मणुअ १७९. 'मरथय' ११६. मय' ९६. °म° ४०. मयंक ६६. मयगल' २११. "मयण ९६. V मर मरइ १३२; १६१; २१४; २४१. मरण १०:३२; ३५; ४८; ४९ ; ५८३७८९ ७९;८०; ८४; १२०; १३४; १४०; १६२; १६९, १७७; १७८; १८४; २०१९:२१०; २११; २१९; २२६;२४२. मरण १७. मरण १४; १०६; १२०. मरणकंडिया १६. मरणकंडी १३९. मरणद २०८. मलिण ६६. मलिणा १७८. महा २४६. महिस १७८. महिस° १२३. ७८. महीयल ८७. 'महीसनीति° २५७. ५. महुर २४. महुरत्तअ १११. °माण ८६. मायसिर २३१. माया° १६६. 'माया' ९६. माई १५०. वर्णानुक्रमसूची Jain Education International मास २२:२३:२७:३०:५२,६३,६६,९२,९३; १००; १०२; १०३; ११९; १२४; १५९. . मास' ३६; १२२; १२३:१२८; १२९,२४६. "मास १५५. मास ५०, ११५: ११८: ११९:१२६:१३८९ १४३ : १४७ १५२. माह २३२. माहवचंद २५४. मिगसिर २४५. मित्त २१५. मित्तय २१५. मी १६७. मुंचती ९०, ९१. मुग्गर ८३. मुह २८, २२३. 'मुह १४४. मूल २४८. मूल २६०. मूलसर १६३. मेरु २५९. मेस १६७; १६८. मेस २३९. मोण ११०. य २१. यल २०:९७. याल १७. खोह (?) १६६. रत्त १४०. रत्त ६४. रत्तकुसुम १२८. रत्ता ८१. 'रत्तिय ८१. रणि° ११५. रयणी ५८:११६; १८३. रवि° ४७; ५०; ५१; ५३ ५४ ५५ ५७; १२४; १५२,२३६. रस १४१. 129 रस° ९. For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290