Book Title: Risht Samucchaya
Author(s): Durgadevacharya, A S Gopani
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan

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Page 253
________________ ,,१०३.९. 140 परिशिष्टान्तर्गतविषयाणाम्(अ) नकुलदर्शनम् १०४,२२. शुक्लसुमनोदर्शनम् १०३,६. नन्दितूर्य- ,, ९७,२७. श्रमण- ,९७,२९. नन्द्यावर्त- ,,९९,२२. संयत- ,९७,२९. नृप- , १०३,१. (वामे) साधु-, १०४,२४. नृवाह्यमानयान-, ९९,१८. सारस- ,१०३,९. पताका- ,, ९७,२८,९९,१९; सिततुरग- , १०३,२. १०३,३. सिद्धार्थक- ,, ९९,१७,१०३,९. पताकोत्क्षेपण- , १०३,१५. सुमनो- ,९७,२९. पयो,९९,२१. सुरध्वज ,, १०३,३. पूर्णकलश- ,, ९७,२७. सुवासितवस्तु-, १०३,१३. , -कुम्भ सुशुक्लवस्तु- , १०३,१३. , -शकट- १०३,७. स्वस्तिक- , ९९.,२२. प्रज्वलिताग्नि हंस ,,१०३,१०. प्रियवादि (अग्रे) हय- , १०४,२३. ,, १०३,३. (वहन) बद्धकपशु- ,, १०३,४. दाक्षिणात्यवायुवहनम् १०३,१७. भद्गपीठ,, ९९,१८. (श्रवण) भृङ्गार- ,, ९७,२८. भेरीशब्दश्रवणम् १०३,१६. मत्स्थ,, १०३,११. मृदङ्ग-,, ,, १०३,१६. मधुररसयुक्तवस्तु-,, १०३,१३. वेदाध्ययन-, ,, १०३,१७. मनोज्ञानपान- , १०३,७. शङ्ख- ,,, १०३,१६. मीन- ,, ९७,३०. (पक्षिणः) शुभ-,, ,१०३,१४. मोदक- , ९७,२९, (मनुष्यस्य),, , , १०३,१४. १०३,६. (मृगस्य) , ,, ,, १०३,१४. यव,, ९९,१७. शनिचक्र १०६,३१-३८. यावक- ,, १०३,३. शब्दरत्न,,९९,१६,१०३,२. अशुभराजलिङ्ग" ९९,२०. (श्रवण) रुक्म- , ९९,१६. उत्सवशब्दः (वारुणः) १०४,१४. रुचक३,१२. कपोतरुदितम् (याम्यतः) १०४,१२. रूप्य कोकिलारवः (वामे) १०४,१५. वडवा- , १०३,८. गीतशब्दः (वारुणः) १०४,१४. यर्धमान- ,९९,२२,१०३,४. घण्टारवः (वामे) १०४,१६. (वामे) विप्र-,, १०४,२४. परपुष्टाशब्दः (वामे) १०४,१८. विविधफल- , ९९,२१. पिङ्गला-, (याभ्यतः) १०४,११. वृषभ- , १०३,१. ,, (वामतः) १०४,१७. शङ्ख- ,,१०३,११. वादिन-,, (वारुणः) १०४,१४. शतपत्र- , १०३,१०. शङ्खरवः (वामे) १०४,१६. (दक्षिणे)शव-, १०४,२३. शिवाशब्दः (वामे) १०४,१७. शिखि- , १०३,१०. श्यामा-, (वामतः) १०४,१७. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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