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,,१०३.९.
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परिशिष्टान्तर्गतविषयाणाम्(अ) नकुलदर्शनम् १०४,२२. शुक्लसुमनोदर्शनम् १०३,६. नन्दितूर्य- ,, ९७,२७.
श्रमण- ,९७,२९. नन्द्यावर्त- ,,९९,२२.
संयत- ,९७,२९. नृप- , १०३,१.
(वामे) साधु-, १०४,२४. नृवाह्यमानयान-, ९९,१८.
सारस- ,१०३,९. पताका- ,, ९७,२८,९९,१९; सिततुरग- , १०३,२. १०३,३.
सिद्धार्थक- ,, ९९,१७,१०३,९. पताकोत्क्षेपण- , १०३,१५.
सुमनो- ,९७,२९. पयो,९९,२१.
सुरध्वज
,, १०३,३. पूर्णकलश- ,, ९७,२७.
सुवासितवस्तु-, १०३,१३. , -कुम्भ
सुशुक्लवस्तु- , १०३,१३. , -शकट- १०३,७.
स्वस्तिक- , ९९.,२२. प्रज्वलिताग्नि
हंस
,,१०३,१०. प्रियवादि
(अग्रे) हय- , १०४,२३. ,, १०३,३.
(वहन) बद्धकपशु- ,, १०३,४.
दाक्षिणात्यवायुवहनम् १०३,१७. भद्गपीठ,, ९९,१८.
(श्रवण) भृङ्गार- ,, ९७,२८.
भेरीशब्दश्रवणम् १०३,१६. मत्स्थ,, १०३,११.
मृदङ्ग-,, ,, १०३,१६. मधुररसयुक्तवस्तु-,, १०३,१३.
वेदाध्ययन-, ,, १०३,१७. मनोज्ञानपान- , १०३,७.
शङ्ख- ,,, १०३,१६. मीन- ,, ९७,३०.
(पक्षिणः) शुभ-,, ,१०३,१४. मोदक- , ९७,२९,
(मनुष्यस्य),, , , १०३,१४. १०३,६.
(मृगस्य) , ,, ,, १०३,१४. यव,, ९९,१७.
शनिचक्र १०६,३१-३८. यावक- ,, १०३,३.
शब्दरत्न,,९९,१६,१०३,२.
अशुभराजलिङ्ग" ९९,२०.
(श्रवण) रुक्म- , ९९,१६.
उत्सवशब्दः (वारुणः) १०४,१४. रुचक३,१२.
कपोतरुदितम् (याम्यतः) १०४,१२. रूप्य
कोकिलारवः (वामे) १०४,१५. वडवा- , १०३,८.
गीतशब्दः (वारुणः) १०४,१४. यर्धमान- ,९९,२२,१०३,४. घण्टारवः (वामे) १०४,१६. (वामे) विप्र-,, १०४,२४.
परपुष्टाशब्दः (वामे) १०४,१८. विविधफल- , ९९,२१.
पिङ्गला-, (याभ्यतः) १०४,११. वृषभ- , १०३,१.
,, (वामतः) १०४,१७. शङ्ख- ,,१०३,११.
वादिन-,, (वारुणः) १०४,१४. शतपत्र- , १०३,१०.
शङ्खरवः (वामे) १०४,१६. (दक्षिणे)शव-, १०४,२३.
शिवाशब्दः (वामे) १०४,१७. शिखि- , १०३,१०.
श्यामा-, (वामतः) १०४,१७.
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