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शुभ
वर्णानुक्रमसूची (जले) आत्मनः शिरसोऽदर्शनम् । भस्मपांशुभिर्दूषणम् १०२,२८.
९८,१७, शिरोऽभिघातः (द्वारादौ) ९९,१३. छायाया अदर्शनम्१०५,२१
(श्रवण) जिह्मशिरसो दर्शनम्९७,१३ , अनिष्टप्रवादस्य (हतादेः) श्रवणम् विकृतच्छायादर्शनम्
१०२,२८.
मृगादीनां गिरी (दीप्तां दिशं प्रति) ,, विपर्यस्तलोचनतारादर्शनम् ९७,१३.
___, १०२,३०. रुदितस्य
" ९९,२०. ,, खशिरसोऽदर्शनम्
१०९,३०. लिङ्ग (शरीरविषयक)
(दर्शन) जिह्वाया रसज्ञाननाशः १०५,१७,
अक्षतदर्शनम् १०३,१. दीपगन्धस्यावेदनम् ९८,२१.
अज- , १०३,११. स्पर्शज्ञानाभावः १०५,२४.
आदर्श-, १०३,१२. - व्याख्या ९९,३१.
आयुध-, ९९,१९. आगोमयदर्शनम् ९९,१५.
उद्धृतपृथिवी-,, १०३,५. शकुन
औषध- , ९९,१७. अशुभ
कन्या- , १०३,४. (दर्शन)
खगअङ्गारदर्शनम् ९९,११,
गणिका- ,, ९९,१५. अभ्यक्त- , ९९,१२.
(वामे) गो-,,१०४,२४. इन्धन- ,, ९९, ११.
घण्ट
"९७,३०. उत्तानयान-, १०२,३१.
घृत- ,९९,२१,१०३,११. उत्तानशयन-,१०२,३१. उत्तानासन-, १०२,३१.
चन्दन- , १०३,६. गुड- ,९९,११.
चामर- ,९७,२८. तैल- ,, ९९,११.
चाष- १०३,१०. नग्नमानव-,, ९९,१२.
छत्र- ,९७,२८,९९,१९. मलिन- ,, ९९,१२.
छत्रोत्क्षेपण-, १०३,१५. मुण्ड- , ९९,१२.
जीवञ्जीवक-,, १०३,९. (पतन)
ताम्र- ,, ९९,१६. चैत्यध्वजपतनम् १०२,२७.
दधि- , ९७,२९,९९,२१; छत्र- , ९९,१४. ध्वज- , ९९,१४.
(पश्चात्)दधिनीकन्यका-,,१०४,२४, पताका-,, १०२,२७.
दान्त- ,,९७,२९. पूर्ण- , १०२,२७.
द्विज
, १०३,११. वस्त्र- , ९९,१४.
द्विजाति
, १०३,१. (विविध)
दूर्वा
९९,१५. पथच्छेदः (विडालेन) १०२,२९. (सवत्सा) धेनु-, १०३,८. , (शुना) १०२,२९.
ध्वज
,, ९७,२८. " (सर्पण) १०२,२९.
ध्वजोत्क्षेपण- , १०३,१५,
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