Book Title: Ratnatraya Part 01 Author(s): Surendra Varni Publisher: Surendra Varni View full book textPage 785
________________ भी वर्णन करने में कोई समर्थ नहीं है। जो प्रभावना अंग को दृढ़ता से धारण करता है, वह इन्द्रादि देवों द्वारा पूज्य तीर्थंकर होता है। धरम-प्रभाव करै जे ज्ञानी, तिन शिव-मारम रीति पिछानी। 10 7850Page Navigation
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