Book Title: Pushkarane Bbramhano Ki Prachinta Vishayak Tad Rajasthan ki Bhul
Author(s): Mithalal Vyas
Publisher: Mithalal Vyas

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Page 183
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १६४ तारविद्याका भी अभ्यास किया है । और ८ वर्ष से जोधपुर बीकानेर रेल्वे में नौकर है। इसके२ विवाह हुये । प्रथम विवाह सं० १९५५ के फाल्गुन यदि 1 को जोधपुर के महाराजा मानसिंहजी के गुरु व मुसा हिब तथा व्यासपदवी प्राप्त मादलिये के पुरोहित चतु र्भुजजी के पोते जीवराजजी की कन्या और जोधपुर ही के राज्य मुसाहिब चोहटिया जोशी सांवतरामजी की दोहिती 'राधा' से हुआ था। जिसका सं० १९६२ के फाल्गुन सुदि ९ को जोधपुर में स्वर्गवास हो जा जैसे फिर उसी प्रथम स्त्री की कानेष्ट बहन 'छोटी से सं० १९६३ के फाल्गुन वदि ५ को दूसरा विवाह हुआ हैं । प्रथम स्त्रीसे १ पुत्र है । १ 'सूरजराज ' - इसका जन्म सं० १९६१ के कार्त्तिक यदि ३ को जोधपुर में हुआ है। [३] ' जगन्नाथ ' - इसका जन्म सं० १९४४ के वैशाख यदि ९२ को पाली में हुआ है। इसको पूर्वोक्त खेतसीदासजी के चचा कुञ्जलालजी के परपोते करणीदानजी ( ज़ोरजी) ने अपनी गोदले के अपनी ओरसे इसका विवाह जैसलमेर के वरसा पुरोहित करणी दानजीकी कन्या व गोविंद व्यास चतुर्भुजजी की दोहिती 'कि. सनी' से किया है। यह पहिले जोधपुर बीकानेर रेल्वे में नौकरी करता था अभी बीकानेर के मोहोना मूलचन्द पाठशाला में अंग्रेज़ीका पाठक है। इसके १ कन्या हुई है। (२) 'रत्नीबाई' - इनका स्वर्गवास सं० १९३२ के पौष वदि ९९ को जैसलमेर में हुआ । ये जैसलमेर के बल्लाणी पुरोहित द्वारिकादासजी के पुत्र व बीकानेर के आचार्य वसुदेवजी के भानजे 'मनसुखदासजी' को व्याही थीं । इनके १ कन्या है । [१] तुलसीबाई - इसका जन्म सं० १९२७ में जैसलमेर में हुआ है । यह फलोधी के सुप्रसिद्ध थानवी जालजी के परपोते 'लक्ष्मीचन्दजी' को व्याही थी । लक्ष्मीचन्द जी का स्वर्गवास सं. १९५० के पौष यदि १४ को हो गया । For Private And Personal Use Only

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