Book Title: Pushkarane Bbramhano Ki Prachinta Vishayak Tad Rajasthan ki Bhul
Author(s): Mithalal Vyas
Publisher: Mithalal Vyas

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Page 187
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 168 अंग्रेजी का भी अभ्यास किया है और हिन्दीकी अच्छी योग्यता रखता है / वर्तमान समाचार पत्रों में समय 2 पर वैद्यक, ज्योतिष् आदि विषयों पर लेख आदि भी प्रायः भेजा करता है। इसका भी विवाह जोधपुर के पूर्वोक्त व्यास पदवी प्राप्त मादालय के पु. रोहित चतुर्भुजजी के पोते जीपराजजी की कन्या व. चोहटिये जोशी साँवतरामजी की दोहिती 'रुक्मिणी से सं० 1955 के फाल्गुन वदि 2 को हुआ है। [3] 'रूपाली बाई'-इसका जन्म ब्यावर (नयानगर) में सं० 1952 के माघ सुदि 9 को हुआ है / यह जोधपुर के विशा भैंकदासजी के पुत्र जुराजजी के कँवर व कल्ला माधवदासजी के दोहिते 'सरदार मलजी' को को सं. 1964 के फाल्गुण यदि 5 को व्याही है। इस के दादी सुसरे तो 'केरू' के ठाकुर साहब की काम दारी करते थे और इसके सुसरे जोधपूर राज्य के हवाले में हवालदारी की नौकरी करते हैं। 'छोटी रूपाळी बाई-इसका जन्म ब्यारर में सं० 1958 के फाल्गुन सुदि 2 को हुआ है। यह ब्यावर की कन्या पाठशाला में पढ़ती है। मैंने यह केवल अपने पितामह (दादाजी) खेतसीदासजी के वंशका संक्षिप्त वृत्तान्त लिखा है। परन्तु मेरी इच्छा सम्पूर्ण श्रीराणी व्यासों के प्रत्येक वंशका पूर्ण वृत्त न्त पुस्तकाकार छ. पवाकर प्रकाशित कर बिना मूल्य वितरण करनेकी है। इसलिये प्रत्येक श्रीधराणी व्यासको चाहिये कि श्रीधरजीसे लेके अद्याव. घधिके वंश वृक्ष (कुरसीना में ) अपने पूर्वजो के वृत्तान्त सहित लिख भेजने की कृपा करे / For Private And Personal Use Only

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