Book Title: Pravachansara Part 03
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 125
________________ 72 अयदाचार 73 20 23, 36, 37 इट्ठदर अप्पडिकुट्ट अस्वीकृत नहीं अप्पडिपुण्ण पूरा न भरा गया अफल निरर्थक जागरूकता-रहित आचरणवाला अवसत्त लीन/आसक्त अविसुद्ध अविशुद्ध असंजद असंयमी असंजम असंयम असुभ अशुभ अधिक अपेक्षित उवट्ठावग स्थापित करनेवाला उवदिट्ठ उपदिष्ट उवरद रहित एक्क एक समय एयग्ग एकाग्रचित्त स्थिर एहिग इस लोक संबंधी/ सांसारिक इच्छुक काय कायिक केवल मात्र खम सहनशक्ति कामि 18 (118) प्रवचनसार (खण्ड-3) चारित्र-अधिकार

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