Book Title: Pramana Mimansa Tika Tippan
Author(s): Hemchandracharya, Sukhlal Sanghavi, Mahendrakumar Shastri, Dalsukh Malvania
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 311
________________ ४. प्रमाणमीमांसागतानां पारिभाषिकशब्दानां सूची। [ए] [ ] एकत्ववितर्क (ध्यान) १०.१६ चक्षुष १६.१७ एकार्थसमवाय ४५.३ चतुरङ्ग ७४.२७ एकार्यसमवायित्व ४४. २२ चतुरङ्गा ६३. १४ एकार्थसमवायिन् ४२.१ [ औ] छल ६२.२२ औपचारिक (अनुमान ) ४९. १४. [ज] जन्यजनकभाव २०.९ कथचिनेदाभेदवाद २८.२ जय ६४.२६ कथा ६३.१४ जल्प ६३. २१३० करण ६.१० जाति ६०.१ कल्पना २३.९ जातिवादिन् ६०.२७ कायप्रमाणता ३२. १७ जात्युत्तर ५९. २० कारण ३४.४४२. १२२ ज्ञान १.. कारणानुपलब्धि ४५. १३ ज्ञानप्रबन्ध ४.६ कार्य ४२.१४३. १८ ज्ञानावरण १०.१७, १९.२७ कार्यकारणभाव ४४. २५ कार्यसमा ६२. ११ डिण्डिकराग ५१. १९ कार्यानुपलब्धि ४५. १४ डिम्भहेवाक ८. १२ कालक्रम २६. २२ कालातीत ५४.७ तत्त्वसंरक्षण ६३.६ कालात्ययापदिष्ट ५४.९ तथोपपत्ति ४९. २३ कूटस्थनित्यता ११.११ कृतनाश ३२.३ तदाकारता २०.१७ केवल १०.१४, २०, १३. ७ तदुत्पत्ति २०.१७ केवलज्ञान १२.२ तर्क ३७.२०, ४१.२५ क्रममावनियम ४१. १२ तात्पर्य ५०.६ क्रमभाविन् ४१. १२ तादाल्य २७. २२ क्रिया २९. २६ तायिन् १.२ क्षणभङ्गवाद २७.२ तिरोभाव ५५.८ क्षणिक २७. ४ त्रैरूप्य ४०.९ क्षायोपशमिकत्व १५. १५ लक्षण्य ३९.१७ क्षीणकषाय १५. २४ [ग] दर्शन १. १. २१.२ गति १५.२३ दूषण ५९. १५, ६३. ६ गुणप्रत्यय १५.९ दूषणवाक्य ६८.१२ गुणस्थानक १५.२५ दूषणवादिन् ७३. २७ गृहीतग्राहिन् ४. १९ दूषणा ५९. १८ ग्रहीष्यमाणग्राहिन् ४. १९ दूषणाभास ५९.२० ग्राह्यग्राहकभाव २०.१० दृष्ट २४.१७ [घ ] दृष्टान्त ४७. २४, ४८. ३, घातिकर्मन् १०.१७, १३. ७ दृष्टान्तदोष ५७.१० घ्राण १६.१७ | दृष्टान्तवचन ५३.६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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