Book Title: Pramana Mimansa Tika Tippan
Author(s): Hemchandracharya, Sukhlal Sanghavi, Mahendrakumar Shastri, Dalsukh Malvania
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 328
________________ ६. भाषाटिप्पणगत शब्दों और विषयों की सूची। अकलङ्क और बाद के जैनाचार्यों के द्वारा . प्राचीन समय में बन्धमोक्षव्यवस्था, कर्मफल- .. विकास ६८. १३ सम्बन्ध आदि कसौटियों से वस्तुव्यवस्था ५८... हेमचन्द्र की विशेषता ६८.३० बौद्धोद्भावित तर्कयुगीन अर्थक्रियाकारित्व की प्रमाणलक्षण कसौटी ५६.. कणादकृत कारणशुद्धिमूलक सर्वप्रथम लक्षण ५.. जयन्त, वाचस्पति और योगसेन के द्वारा उक्त नैयायिकों का विकास ५.३ कसौटी का आश्रय लेकर बौद्धों के एकान्त कुमारिल और प्रभाकर के लक्षणों की परस्पर अनित्यत्ववाद का खण्डन ५8. १५ और दर्शनान्तर के साथ तुलना ५.१८ उसी कसौटी से जैनाचार्य अकलङ्क के द्वारा दिङ्नाग, धर्मकीर्ति, शान्तरक्षित ६.६ बौद्धों का खण्डन और स्वपक्षसमर्थन ५६.३२ विज्ञानवाद ६.१७ प्रश्नवाहुल्योत्तराल्पता (जाति) ११४. १५ जैनाचार्यों के लक्षणों की शब्दरचना के आधार प्रश्नापतोत्तरबाहुल्य (जाति) ११४. १५ का ऐतिहासिक अवलोकन ६.२२ प्रसंख्यान १३५.३१ हेमचन्द्र का संशोधन ७.११ प्रसङ्गसम (जाति) ११३. २८ प्रमाणान्तरसिद्धि प्राकट्य १३१. २४ धर्मकीर्ति २५.३ प्राप्तिसम (जाति) ११३.२६ हेमचन्द्र, सिद्धर्षि और वाचस्पति की युक्तिओं| प्रामाण्य १६. ९ की तुलना २५. ७ प्रामाण्यअप्रामाण्य प्रमाणाभास १२६.८ स्वतः परतः की चर्चाका मूल वेदप्रामाण्यप्रमाता समर्थन में १६. १८ औपनिषद, सांख्य, बौद्ध, जैन, मीमांसक के मता वेदके प्रामाण्य और अप्रामाण्यवादी १६.२६ नुसार आत्मनित्यानित्यता का विचार ७०.८ मीमांसक १७.४ स्वावभासित्व-परावभासित्व के विषय में मीमां सांख्य १७.७ सक, जैन और योगाचार का मन्तव्य ७०. २३ सर्वदर्शनसंग्रह के अनुसार बौद्धमत १७.१२ जैनाभिमतदेहव्यापित्व ७१.३ शान्तरक्षित १७. १६ आत्मा और ज्ञानका अमेद माननेवालोंके मतमें जैनपरम्परा १८." , आत्मा, स्वप्रत्यक्ष १३७. २ उत्पत्ति, ज्ञप्ति, प्रवृत्ति १८.८ कुमारिल १३७. . परप्रत्यक्षवादी प्रभाकर १३७. १५ फल १३६.८ आत्मप्रत्यक्ष के विषय में नैयायिक वैशेषिकों का फलसंवित्ति १३१.२२ मतभेद १३७ १५. प्रमाता ५३. ४ बायार्थवाद ६७.१० प्रमिति ५३.५ बुद्धिवृत्ति १३१. १८ प्रमेय.५५३.. बुद्धीन्द्रिय ४०.२१ प्रमेयसिद्धि ३५.२१ बौद्धिकसर्वज्ञत्व २६.७ प्रमेयस्वरूप का चिन्तन तर्कयुग से पहिले का ५३.६ भावेन्द्रिय ४०.२२ तर्कयुग ५३. १९ भूत ४.. हेमचन्द्र ५३. २७ देखो द्रव्य भेदाभेद (जाति) ११४. १५ प्रमेयस्वरूपव्यवस्था (म) दार्शनिक क्षेत्र में बुद्धप्रतिपादित अनित्यता का | मति १२८.१९ परिणाम ५६.१ मध्यमप्रतिपदा ६२.८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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