Book Title: Prakrit Sahitya ki Roop Rekha
Author(s): Tara Daga
Publisher: Prakrit Bharti Academy

Previous | Next

Page 3
________________ विद्यार्थियों के लिए यह बहुत सम-सामयिक प्रकाशन है। इस पुस्तक में संक्षिप्त व सरल शैली में प्राकृत भाषा एवं उसके ग्रन्थों का प्रामाणिक परिचय प्रस्तुत किया गया है। इस पुस्तक के अध्ययन से पाठकों में प्राकृत भाषा के साहित्य के प्रति रुचि जाग्रत होगी। साथ ही प्राकृत भाषा से नेट की परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों के लिए भी यह पुस्तक उपयोगी होगी। इसकी लेखिका डॉ० तारा डागा पिछले कई वर्षों से प्राकृत-अपभ्रंश आदि प्राचीन भाषाओं से जुड़ी हुई हैं। प्राकृत साहित्य की रूपरेखा के लिए हम उनके अत्यंत आभारी हैं। चम्पालाल पारख अध्यक्ष देवेन्द्र राज मेहता संस्थापक एवं मुख्य संरक्षक, प्राकृत भारती अकादमी, श्री नाकोड़ा पार्श्वनाथ तीर्थ, मेवानगर जयपुर (IV)

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 ... 173